कथा श्रवण से होता है बौद्धिक विकास

/रफोटो- फारवर्ड मनीगाछी. भागवत कथा श्रवण से मानव जीवन में सद्व्यवहार एवं बुद्धि की व्यापकता का समावेश होता है. उक्त बातें शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर प्रखंड के चनौर शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास गुणानंद चौधरी ने कही. उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य जो जर्जरावस्था में है, भक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 8:02 PM

/रफोटो- फारवर्ड मनीगाछी. भागवत कथा श्रवण से मानव जीवन में सद्व्यवहार एवं बुद्धि की व्यापकता का समावेश होता है. उक्त बातें शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर प्रखंड के चनौर शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास गुणानंद चौधरी ने कही. उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान, वैराग्य जो जर्जरावस्था में है, भक्ति का तो विकास हुआ किंतु ज्ञान एवं वैराग्य पूर्ववत ही रहा. योग से संत सिरोमणि नारदजी का सानिध्य प्राप्त हुआ और उन्हीं के प्रयास से श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से दोनों का पूर्णोद्धार हुआ. आज प्रयोजन है मानव के सद्व्यवहार को अपने जीवन में उतारना जिससे बुद्धि में व्यापकता का समावेश हो और उसका एक मात्र मार्ग है श्रीमद् भागवत कथा. ग्रामीणों के सहयोग से चल हरे उक्त भागवत कथा पाठ से पूरे गांव धार्मिक वातावरण से जहंा गूंजायमान होने लगा है, वहीं शाम ढलते ही महिला-पुरुषों की टोली कथा श्रवण के लिए उमड़ पड़ते हैं. ग्रामीण फुल बाबा, गोविंद यादव, केशव चौधरी, महेंद्र गिरी, सुरेश यादव आदि ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु सिमरिया से जल लाकर शिवरात्रि के दिन बाबा पर जलाभिषेक करेंगे. इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा.

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