रोजगारोन्मुखी शिक्षा की होगी व्यवस्था : कुलपति

बेनीपुर : मिथिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण के बाद अब यहां के छात्र-छात्राओं को रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों का मुहताज नहीं होना पड़ेगा. उक्त बातें गुरुवार को प्रखंड के अचायी मिथिला महिला महाविद्यालय बहेड़ा पर आयोजित वसंतोत्सव एवं अपने सम्मान में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए मिथिला विवि के कुलपति डॉ साकेत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 9:03 AM
बेनीपुर : मिथिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण के बाद अब यहां के छात्र-छात्राओं को रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों का मुहताज नहीं होना पड़ेगा. उक्त बातें गुरुवार को प्रखंड के अचायी मिथिला महिला महाविद्यालय बहेड़ा पर आयोजित वसंतोत्सव एवं अपने सम्मान में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए मिथिला विवि के कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा ने कही.
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की व्यवस्था किया जायेगा जो अंतिम चरण में है. वहीं उन्होंने विकलांग छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सुविधा देने की घोषणा करते हुए कहा कि ऐसे छात्रों के लिए परीक्षा से राइटर की सुविधा दिया जायेगा तथा उक्त राइटर को विश्वविद्यालय द्वारा ही पारिश्रमिक देने की व्यवस्था किया जायेगा. साथ ही कमजोर दृष्टिवालों की एक घंटा का अतिरिक्त भी दिया जायेगा.
इसके अलावा कुलपति ने प्रदेश में गिरते उच्च शिक्षा व्यवस्था पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि यदि पांच साल में इसमें सुधार नहीं किया गया तो दिनानुदिन और पीछे चला जायेगा. इसलिए बिहार में स्नातक स्तर से ही सेमेस्टर व्यवस्था लागू होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में बिहार के बच्चों को दूसरे प्रदेश में नामांकन तक नहीं हो पाये.
महाविद्यालय के सचिव बैद्यनाथ चौधरी बैजू, जदयू नेता डॉ राममोहन झा द्वारा उक्त महाविद्यालय में पीजी स्तर की पढ़ाई चालू करने की मांग पर जवाब देते हुए कुलपति ने कहा कि पीजी की पढ़ाई इसी महाविद्यालय में ही सिर्फ नहीं सभी महाविद्यालयों में क्यों न हो, क्योंकि प्रदेश में प्रति वर्ष 20 लाख छात्र-छात्रएं स्नातक उत्तीर्ण होते हैं, जिसमें मिथिला विश्वविद्यालय से दो लाख 10 हजार. इनमें मात्र एक लाख का नामांकन हो पाता है. इसलिए सभी महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई होनी चाहिए. इसके लिए मैं प्रयत्नशील हूं.
वहीं उन्होंने महाविद्यालय के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के वर्ष 2010 से लंबित मानदेय भुगतान की मांग को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसके प्रति सकारात्मक पहल कर शीघ्र भुगतान का रास्ता साफ कर दिया जायेगा. इस दौरान उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व की कार्य संस्कृति पर प्रहार करते हुए कहा कि मैं संचिकाओं के कांटेंट को देखकर मैं काम करता हूं, बल्कि जाति व नाम देखकर नहीं. वहीं छात्राओं को नसीहत देते हुए कहा कि इच्छाशक्ति के बगैर जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकता. इसलिए प्रबल इच्छाशक्ति और लगन से ही जीवन का लक्ष्य प्राप्त हो सकता है.
इस दौरान विश्वविद्यालय छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष केपी सिंह, पूर्व विधान पार्षद डॉ विनोद चौधरी ने भी समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए महाविद्यालय के विकास में सहयोग का आश्वासन दिया. इसके अलावा डॉ राममोहन झा, सीताराम चौधरी, चौधरी रामाश्रय राय, मुखिया जीवकांत मिश्र, विजय कांत झा, महाविद्यालय अध्यक्ष बैद्यनाथ चौधरी बैजू, चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई आदि ने संबोधित किया.
इस दौरान महाविद्यालय परिवार की ओर से पाग-चादर एवं माला से सम्मानित किया गया. इस मौके पर रामबाबू झा, कुंज बिहारी मिश्र, प्रो अमलेंदु शेखर पाठक, राम सेवक ठाकुर, ओम प्रकाश मिश्र, कन्हैयाजी, दुखी राम रसिया, छात्र सपा कुमारी, संदीपा कुमारी द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान एवं होली गीत पर लोग खूब झूमे तथा गुलाल उड़ाये

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