खुले आसमान के नीचे बनता है पोषाहार
झोपड़ी में चल रहा आंगनबाड़ी फोटो-फारवर्ड बेनीपुर. सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका नौनिहालों के सेहत का परवाह किये बगैर खुले आसमान के नीचे पोषाहार बना रहे हैं तो झोपड़ी में केंद्र संचालन की महज खानापूरी कर रहे हैं. लेकिन प्रतिमाह केंद्र का निरीक्षण करने का दावा करनेवाली […]
झोपड़ी में चल रहा आंगनबाड़ी फोटो-फारवर्ड बेनीपुर. सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका नौनिहालों के सेहत का परवाह किये बगैर खुले आसमान के नीचे पोषाहार बना रहे हैं तो झोपड़ी में केंद्र संचालन की महज खानापूरी कर रहे हैं. लेकिन प्रतिमाह केंद्र का निरीक्षण करने का दावा करनेवाली सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिका न जाने क्यों इसे नजरअंदाज कर केंद्र पर नामांकित बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का छूट सेविका-सहायिका को दे रखी है. मजे की बात तो यह है कि क्षेत्र में करोड़ों रुपये सरकारी राशि की लागत से कई आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनकर तैयार है जिसमें एक-दो केंद्र छोड़ सभी भवन बेकार साबित हो रहा है. बाल विकास परियोजना अधिकारी की उदासीनता को देखते हुए बने भवन में कहीं विद्यालय चल रहा है, तो कहीं आमजन उसे अपने निजी काम के उपयोग में व्यवहार कर रहे हैं और सेविका-सहायिका अपने सुविधा के अनुरूप किसी झोपड़ी में तो कही सेविका के दरवाजे पर चल रहा है. जबकि नगर परिषद के नवटोलिया आंगनबाड़ी केंद्र पर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चल रहा है तो सझुआर, बैगनी, आशापुर आदि भवन को कोई देखने वाला नहीं है. इन केंद्रों का ताला नहीं खुलता पर केंद्र कहीं जरूर चल रहा है. इस संबंध में पूछने पर सीडीपीओ ममता रानी ने कहा कि पिछले माह में ही सभी सेविकाओं को नये भवन में चलाने का आदेश दिया था. यदि ऐसा नहीं हुआ तो कार्रवाई किया जायेगा. केंद्र भवन में जहां विद्यालय चल रहा है तो उसे खाली करवाने के लिए बीइओ को पत्र लिखी हूं. एक-दो दिन में खाली कर देने की बात कहे हैं.