भवागन के विभिन्न रुपों की चर्चा

जाले . दुष्टों के विनाश को लेकर पृथ्वी पर भगवान का अवतार होता रहा है. वे अलग अलग रुपों में अवतरित हुए हैं. भगवान के अवतरण से जीवों का परम कल्याण हुआ है़ दुनिया के तमाम धर्म ग्रन्थों में इसकी व्यापक चर्चर है़ खासकर दुनिया के सबसे उत्कृष्ट धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता में तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 10:03 PM

जाले . दुष्टों के विनाश को लेकर पृथ्वी पर भगवान का अवतार होता रहा है. वे अलग अलग रुपों में अवतरित हुए हैं. भगवान के अवतरण से जीवों का परम कल्याण हुआ है़ दुनिया के तमाम धर्म ग्रन्थों में इसकी व्यापक चर्चर है़ खासकर दुनिया के सबसे उत्कृष्ट धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता में तो भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अपने अवतरण के औचित्य को सुस्पष्ट किया है़ यह बातें मंगलवार को रतनपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान महायज्ञ में भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण की कथा सुनाते हुए गौड़ीय संप्रदाय के जगतगुरु श्रीराधा बल्लव दास ने कही़ उन्हांेने कहा कि राजा कंस की आसूरी सत्ता मानवता को निगलने में लगी थी़ चारों ओर जीवों में भीषण कष्टों में रखने की योजनाओं पर अमल किया जा रहा था़ ऐसे में भगवान ने कंस के खानदान में ही अवतरित होकर उसका विनाश किया़ कौरवों की क्रूरता से भी त्राण दिलवायी. कथा के दौरान भगवान के जन्मोत्सव मनाया गया़ कलाकार दिनेश मंडल एवं उनके साथियों की ओर से मंगल गीत और बधाई नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की़़़़़़, सब मिली आओ री सजनी, बरिहा मंगल गाइए़़़़़़ आदि गीत बधाई से श्रोता झुम रहे थे़ ऐसा लग रहा कि मानो कलयुग में सचमुच भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हो गया हो़

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