तड़पते रहे पिता-पुत्र, व्यवस्था का रोना रोते रहे चिकित्सक

बेनीपुर. सर, जल्दी कोई गाड़ी की व्यवस्था कर दीजिये नहीं तो मेरा बेटा यहीं मर जायेगा. उक्त गुहार रविवार को मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल शिक्षक राम स्वरूप दास अपने साथ घायल पुत्र को कराहते देख बहेड़ा पीएचसी पर तैनात आयुष चिकित्सक से कर रहे थे. वहीं घायल के इस करूणा को अनसुनी करते हुए चिकित्सक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 8:03 PM

बेनीपुर. सर, जल्दी कोई गाड़ी की व्यवस्था कर दीजिये नहीं तो मेरा बेटा यहीं मर जायेगा. उक्त गुहार रविवार को मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल शिक्षक राम स्वरूप दास अपने साथ घायल पुत्र को कराहते देख बहेड़ा पीएचसी पर तैनात आयुष चिकित्सक से कर रहे थे. वहीं घायल के इस करूणा को अनसुनी करते हुए चिकित्सक ने एंबुलेंस खराब होने की बात कहते हुए रेफर पर्ची पकड़ाते हुए घायल पिता-पुत्र को अपने भाग्य भरोसे तड़पने को छोड़ दिया. क्योंकि दोनों घायल के साथ कोई परिजन नहीं था. इन घायलों की गंभीर स्थिति को देख अंतत: एक टेंपो चालक का हृदय पिघला और उसे उठाकर स्थानीय अनुमंडल अस्पताल ले गया जहां से डॉ आरके चौधरी ने उसे डीएमसीएच भेजने की व्यवस्था की. पीएचसी पर तैनात चिकित्सक ने कहा कि विगत तीन माह से पीएचसी का एंबुलेंस खराब है तो मैं क्या व्यवस्था करूं. पूछिये प्रभारी एवं प्रबंधक से, वहीं इस संबंध में कुछ कह सकते हैं. पूछने पर पीएचसी प्रभारी डॉ जितेंद्र नारायण ने कहा कि विगत दो माह से एंबुलेंस खराब है. 20-25 दिन पूर्व पटना एजेंसी भेजा गया है जहां से साढ़े तीन लाख रुपये लगने का अनुमान बताया गया है जो मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर है. सीएस एवं डीएम से इसके लिए दिशा निर्देश मांगा गया है. क्योंकि वित्तीय अधिकार का मामला है. वैसे एंबुलेंस के अभाव में लोगों को भारी परेशानी हो रही है.

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