विलय से किसान मजदूरों को नहीं मिलेगा कोई विकल्प

बहादुरपुर. भाकपा-कांग्रेस की नीतियों के बीच झुलने वाले मध्यमार्गी दलों के विलय से मजदूर किसान और देश के नौजवानों को कोई नया विकल्प नहीं मिलेगा. देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे विविध आंदोलन का सांझा मंच अखिल भारतीय लोक मंच बनाया है. उक्त बातें भाकपा माले के सदस्य सह खेमस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2015 7:04 PM

बहादुरपुर. भाकपा-कांग्रेस की नीतियों के बीच झुलने वाले मध्यमार्गी दलों के विलय से मजदूर किसान और देश के नौजवानों को कोई नया विकल्प नहीं मिलेगा.

देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे विविध आंदोलन का सांझा मंच अखिल भारतीय लोक मंच बनाया है. उक्त बातें भाकपा माले के सदस्य सह खेमस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने पंडासराय स्थित विनोद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही. श्री झा ने कहा कि बेमौसम बरसात से किसानांे को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है. पके फसल पूरी तरह बर्बाद हो गये हैं.

किसानों को फसल क्षति मुआवजा और बियाडा की जमीन किसानों को लौटाने की मांग पर भाकपा माले एवं अखिल भारतीय किसान महासभा एक साथ आंदोलन शुरु करेगा. इसकी शुरुआत 20 अप्रैल को समाहरणालय पर आयोजित किसानों के धरना से होगी. उन्होंने कहा कि किसानों बटाइदारों की फसल क्षति मुआवजा को लेकर चार मई को पटना में विशाल रैली की जायेगी. प्रेस को संबोधित करते हुए भाकपा के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा बालेश्वर पासवान हत्याकांड में श्याम भारती के मोबाइल वार्त्ता के प्रिंट को सार्वजनिक करें पुलिस प्रशासन. पुलिस जांच प्रतिवेदन में साफ स्पष्ट हो गया है. अगर दरभंगा पुलिस इस दिशा में कदम नहीं उठाती है तो डीजीपी के समक्ष ले जायेंगे. आंदोलन को तेज की जायेगी. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जिला में पार्टी स्थापना दिवस मनाया जायेगा. मौके पर खेमस के लक्ष्मी पासवान, आरके सहनी सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.

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