हिंदी साहित्य में सूरदास का योगदान महत्वपूर्ण

दरभंगा. शहर के पुअर होम स्थित वरिष्ठ नागरिक कक्ष में गुरुवार को राष्ट्रभाषा हिंदी विकास परिषद की ओर से सूरदास जयंती मनाया गया. डा. हीरालाल सहनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सूरदास की तस्वीर पर माल्यार्पण और सरस्वती वंदना से किया गया अपने अभिभाषण में डा. सहनी ने कहा कि हिंदी साहित्य के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2015 9:04 PM

दरभंगा. शहर के पुअर होम स्थित वरिष्ठ नागरिक कक्ष में गुरुवार को राष्ट्रभाषा हिंदी विकास परिषद की ओर से सूरदास जयंती मनाया गया. डा. हीरालाल सहनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सूरदास की तस्वीर पर माल्यार्पण और सरस्वती वंदना से किया गया अपने अभिभाषण में डा. सहनी ने कहा कि हिंदी साहित्य के योगदान में सूरदास सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. माधुर्य के कवि सूरदास नेत्रहीन थे लेकिन उन्होंने आत्मा की आंखों से भगवान श्रीकृष्ण की बाल लिलाओं को देखा. समारोह में विचार व्यक्त करने वालों में विनोद कुमार, डा. सतीश चंद्र भगत, विद्या कुमार झा, केशव कुमार, डा. विश्वनाथ ठाकु र सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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