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मिथिला के लिए बने अलग से आपदा विभाग

प्राकृतिक विपदा पर संस्थान ने जतायी चिंतादरभंगा. दो दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से पूरा मिथिला क्षेत्र तबाह हो गया है. इस पर विद्यापति सेवा संस्थान ने चिंता जाहिर की है. इसको लेकर रविवार को संस्थान के प्रधान कार्यालय में अध्यक्ष चंद्रनाथ मिश्र अमर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमंे महासचिव डा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2015 9:04 PM

प्राकृतिक विपदा पर संस्थान ने जतायी चिंतादरभंगा. दो दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से पूरा मिथिला क्षेत्र तबाह हो गया है. इस पर विद्यापति सेवा संस्थान ने चिंता जाहिर की है. इसको लेकर रविवार को संस्थान के प्रधान कार्यालय में अध्यक्ष चंद्रनाथ मिश्र अमर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमंे महासचिव डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने मृतकों के प्रति श्रद्धा निवेदित करते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र प्राकृतिक विपदा से हमेशा त्रस्त रहती है. बाढ़-सुखाड़, आंधी-तूफान के अलावा भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित होता है. उन्होंने केेंंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र के लिए अलग से आपदा विभाग व अलग से मंत्रालय का गठन करे. कारण इसी वजह से लगातार यह इलाका पिछड़ता जा रहा है. वहीं साहित्यकार अमलेंदु शेेखर पाठक ने कहा कि प्रकृति को पूर्णत: उपेक्षित करने व उसे जमकर क्षति पहुंचाने की वजह से भूकंप सरीखे आपदा आ रहे हैं. इससे बचने के लिए भूमि पुत्री भगवती सीता के शरण में लोगों को नतमस्तक होना चाहिए. वे ही इस आपदा से लोगों को बचा सकती है. दरअसल जानकी पूजा सही अर्थ में प्रकृति पूजन है. इसके माध्यम से प्रकृति पूजन का संदेश मिलता है. मौके पर चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई ने कहा कि भूकंप पर किसी का अधिकार नहीं है. बार-बार आ रहे भूकंप इस बात का संकेत है कि प्रकृति हमलोगों से रूष्ट है. हमें प्रकृति प्रेम करना चाहिए. बैठक में विनोद कुमार झा, हरि किशोर चौधरी, डा. उदयकांत मिश्र आदि ने भी विचार रखे.

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