/ू/रसीता भारतीय संस्कृति की प्रतीक

/रसंस्कृति की रक्षा के लिए मैथिली माध्यम में प्राथमिक शिक्षा आवश्यकफोटो. 18परिचय. संगोष्ठी में बोलते कमलेश झाप्रतिनिधि, दरभंगा: मिथिलांचल विकास परिषद, मिथिला संघर्ष समिति व साक्षर दरभंगा की संयुक्त तत्ववाधान में मंगलावार को मिर्जापुर अवस्थित गोशाला में जानकी महात्म्य विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इसमें अध्यक्षीय भाषण करते हुुए कमलेश झा ने जानकी महात्म्य पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 10:05 PM

/रसंस्कृति की रक्षा के लिए मैथिली माध्यम में प्राथमिक शिक्षा आवश्यकफोटो. 18परिचय. संगोष्ठी में बोलते कमलेश झाप्रतिनिधि, दरभंगा: मिथिलांचल विकास परिषद, मिथिला संघर्ष समिति व साक्षर दरभंगा की संयुक्त तत्ववाधान में मंगलावार को मिर्जापुर अवस्थित गोशाला में जानकी महात्म्य विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इसमें अध्यक्षीय भाषण करते हुुए कमलेश झा ने जानकी महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मिथिला की संस्कृति विश्वविख्यात रही है. आज लगातार इसमें क्षरण आ रहा है. इसकी मूल वजह इससे दूर होती नई पीढ़ी है. जबतक प्राथमिक शिक्षा का माध्यम मैथिली नहीं होगा तबतक यह समस्या बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि अपनी भाषा से ही संस्कृति का ज्ञान होता है. साजिश के तहत प्राथमिक शिक्षा का माध्यम इसे नहीं बनाया जा रहा है. श्री झा ने इसके लिए संगठित होने पर बल दिया. मौके पर अरूण कुमार झा लालाजी ने कहा कि जानकी भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में आदर्श नारी हैं. इस अवसर पर रंजन ठाकुर, छविकांत यादव, केदारनाथ दूबे आदि ने भी विचार रखे. संगोष्ठी में चंद्रमोहन झा, सौरभ , मनीष यादव आदि प्रमुख थे. धन्यवाद ज्ञापन डा. मणि शंकर झा ने किया.

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