महिलाओं को जागरूक कर आगे बढ़ाने की जरूरत : श्रुति

दरभंगा : समाज के दोनों वर्गो अर्थात महिला व पुरुष दोनों को समान सम्मान के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है. मुख्य रूप से महिलाओं को जागरूक होकर अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है. भारत का कानून किसी भी महिलाओं को अपमानित या प्रताड़ित करने की इजाजत नहीं देता. महिलाओं के जागरूक होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2015 9:20 AM
दरभंगा : समाज के दोनों वर्गो अर्थात महिला व पुरुष दोनों को समान सम्मान के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है. मुख्य रूप से महिलाओं को जागरूक होकर अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है.
भारत का कानून किसी भी महिलाओं को अपमानित या प्रताड़ित करने की इजाजत नहीं देता. महिलाओं के जागरूक होने मात्र से समस्याओं का बहुत हद तक समाधान हो सकता है. लनामिवि के डब्ल्यूआइटी में जेंडर सेंसेटाइजेशन पर आधारित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रुति सिंह ने कही.
श्रीमती सिंह ने महिला व सुरक्षा से संबंधी कई उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा किमहिलाओं से संबंधित कानून में इस नजर से समय-समय पर परिवर्तन होता है. उन्होंने कहा कि अगर हम अपने कानून से संबंधित जानकारी को लेकर जागरूक हैं तो समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है. महिलाओं को मायके व ससुराल में सम्मान से रहने का अधिकार प्राप्त है. ऐसे कई कानून हैं जिनकी जानकारी अभी तक सामान्यतया सबके पास नहीं है.
इन्हें जानने की जरूरत है. इन कानूनी अधिकारों एवं समाधानों की जानकारी होने से हम स्वयं भी अधिकृत रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे. चिकित्सक डॉ अजीत चौधरी ने इस अवसर पर प्राचीनतम काल से समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया. डॉ चौधरी ने नारी सशक्तीकरण के कई उदाहरण पेश करते हुए कहा कि सृष्टि की शक्ति की परिचायिका नारी कभी कमजोर नहीं हो सकी.
मुख्य अतिथि कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा ने नारी की गरिमा व सम्मान में होने वाले कार्यो की सराहना करते हुए महिलाओं से भी अपने आत्मसम्मान के लिए अग्रसर होने की अपील की. उन्होंने कहा कि एक ही संस्कृति में पहने-जीने वाले प्राणी में दो तरह की संस्कृति कैसे पनप सकती है. यह पुत्र-पुत्री में अभिभावकों की विभेदकारी सोच का नतीजा है.
डॉ कुशवाहा ने कहा कि पूरी प्रकृति में नारी की प्रत्येक चीज का संवहन कर सकती है. यह नारी ही है जहां धरा की पूरी ताकत की धूरी सुरक्षित है. डब्ल्यूआइटी की निदेशिका प्रो प्रभावती ने महिलाओं के अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि अपने बुद्धि-विवेक व जुझारूपन से सबकुछ प्राप्त किया जा सकता है.
कार्यशाला का संचालन जेंडर सेंसेटाइजेशन सेल की संयोजिका डॉ लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने किया. सेल के अध्यक्ष सह छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केपी सिन्हा ने आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए सेल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला.
धन्यवाद ज्ञापन सेल के सदस्य डॅा अरूणिमा सिन्हा ने किया. मौके पर प्रतिभागी छात्राओं ने कार्यशाला को लाभप्रद बताया.

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