भक्ति की राह में आइ बाधा को त्यागें : शास्त्री

श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन दरभंगा. श्रीमद् भागवत कथा वावयन के दौरान आचार्य वेदानंद शास्त्री ने कहा है कि पूर्व जन्म के पुण्य संचित रहते हैं. इससे जीव किसी भी योनि में जन्म ले उसके भक्ति मार्ग पर चलने का मार्ग प्रशस्त रहता है. श्री शास्त्री ने यह बातें भागवत कथा के चौथे दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 9:05 PM

श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन दरभंगा. श्रीमद् भागवत कथा वावयन के दौरान आचार्य वेदानंद शास्त्री ने कहा है कि पूर्व जन्म के पुण्य संचित रहते हैं. इससे जीव किसी भी योनि में जन्म ले उसके भक्ति मार्ग पर चलने का मार्ग प्रशस्त रहता है. श्री शास्त्री ने यह बातें भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को कही. स्थानीय अललपट्टी मुहल्ला के कृष्णापुरी स्थित विधायक ललित यादव के आवास पर चल रहे भागवत कथा में मंगलवार को कथा आरंभ करते हुए उन्होंने कहा कि मन में दृढ़ इच्छा और विश्वास हो तो आपको भक्ति और भगवान दोनों मिल जायेंगे. कथा वाचन के क्रम में उन्होंने पुरज्जेपाख्यान की व्यापक चर्चा की. जड़ भरत रहुगम संवाद बताते हुए कहा कि हर जीव को अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है. कथा वाचन के अंत में भक्त प्रहलाद की कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि अगर भक्ति के मार्ग में कोई दुश्मन बने तो उसका त्याग कर देना चाहिए. भक्त प्रहलाद ने भक्ति के राह में रोड़ा बने अपने पिता का ही त्याग कर दिया. कथा वाचन के दौरान मानव धर्म, स्त्री धर्म और वर्ण धर्म की व्याख्या करते हुए गज और ग्राह की कथा सुनाई. इस दौरान दर्जनों पुरुष व महिला ने कथा का श्रवण किया.

Next Article

Exit mobile version