स्कूल में हड़ताल छै त गाम पर की करवई

शिक्षकों की हड़ताल से पठन-पाठन ठप बकरी चराने और खेलने में मशगूल हैं छात्र फोटो -फारवार्ड बेनीपुर. शिक्षकों के हड़ताल के कारण अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सर्व शिक्षा अभियान को अंगूठा दिखाते हुए एक बार फिर बकरी चराने में जुट गये हं. सुबह होते ही बच्चों की टोली स्कूल की बजाय अब बकरी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2015 9:04 PM

शिक्षकों की हड़ताल से पठन-पाठन ठप बकरी चराने और खेलने में मशगूल हैं छात्र फोटो -फारवार्ड बेनीपुर. शिक्षकों के हड़ताल के कारण अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सर्व शिक्षा अभियान को अंगूठा दिखाते हुए एक बार फिर बकरी चराने में जुट गये हं. सुबह होते ही बच्चों की टोली स्कूल की बजाय अब बकरी के साथ, हाथों में है बल्ला, गंेद लेकर खेत की ओर चल देता है और जबतक बकरी चरती है तबतक खेलने में मशगूल होते हैं. इन्हें क्या पता कि इनके भविष्य निर्माण के ठेकेदार (शिक्षक) स्वयं अपना भविष्य को संवारने के उद्देश्य से इन नौनिहालों के भविष्य को तार-तार कर रहे हैं. बकरी के साथ खेल में मशगूल छात्र अभिषेक कुमार, मनीष राय, जीतन राम, रामवृक्ष यादव कहते हैं कि स्कूल में हड़ताल छै तक हम सब गाम पर की करबै. बच्चों को इस तरह बकरी चराते और खेलते देख तथा इनके भविष्य की चिंता से व्यथित होकर एक अभिभावक कहते हैं कि इसलिए धनवान लोगों के बच्चों को अब सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं. अपनी लाचारी बताते हुए लोगों ने कहा कि हमलोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने को भेजते हैं पर अपने को राष्ट्र निर्माता कहलाने वाले उन शिक्षकों होनहार नौनिहालों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. शिक्षक और सरकार में खींचातानी में बच्चों की पढ़ाई फंसकर रह गयी है. वैसे न्यायालय के पहल के बाद लोगों में हड़ताल शीघ्र टूटने की आस जरूर जगी है पर लंबी हड़ताल देख अब कई मजदूर तबके के लोग भी सरकारी विद्यालय की आस छोड़ निजी शिक्षण संस्थान की ओर अपना रूख करने लगे हैं.

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