एमडीएम की गुणवत्ता में नहीं हो रहा सुधार

फोटो-16परिचय- मध्याह्न भोजन बनाने के लिए थाली में रखे चना व छिला हुआ सड़ा आलू.सदर, दरभंगा. क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में चलाये जा रहे एमडीएम की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है. सरकार की ओर से इस योजना पर करोड़ों रुपये हर माह खर्च की जा रही है. इसका सही संचालन के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2015 8:05 PM

फोटो-16परिचय- मध्याह्न भोजन बनाने के लिए थाली में रखे चना व छिला हुआ सड़ा आलू.सदर, दरभंगा. क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में चलाये जा रहे एमडीएम की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है. सरकार की ओर से इस योजना पर करोड़ों रुपये हर माह खर्च की जा रही है. इसका सही संचालन के लिए ढेरों अधिनियम भी बनाये जा चुके हैं. यहां तक की प्रखंड स्तर से लेकर जिला तक के वरीय पदाधिकारी इसके देख रेख में लगे रहते हैं. आये दिन स्कू लों में बच्चों का तैयार भोजन में कहीं छिपकली तो कहीं कीड़े मकोड़े आदि रहने का समाचार अखबारों की सुर्खियों में रहती है. बावजूद इसके अभी तक इस योजना की गुणवत्ता में सुधार एवं इसका सही संचालन पर ग्रहण लगा प्रतीत हो रहा है. भविष्य में इसमें सुधार आयेगा अथवा नहीं यह तो आनेवाला समय ही बतायेगा. लेकिन वर्तमान में इसकी चर्चा जोड़ों से चल रही है. रविवार को मब्बी ओपी के भलनी प्राथमिक विद्यालय उर्दू में सड़े आलू की सब्जी बनाया जा रहा था. स्कू ल प्रभारी मो. जहांगीर आलम से पूछने पर बताया कि यह सड़ा नहीं इसका कलर ऐसा है. रविवार को मेनू के मुताबिक चावल एवं छोला बनना था लेकिन किचेन में रसोइया द्वारा चने में सड़ा आलू छीलकर रखा था. रसोइया से पूछने पर कहा कि आलू एवं चना का सब्जी बनाया जायेगा. स्कूल में कु ल 115 नामांकित छात्र-छात्राएं है. रविवार को वर्ग एक से पाच तक के कु ल 42 बच्चे उपस्थित दर्शाया गया था.

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