कैंपस .. नये भवन के निर्माण का प्रस्ताव भेजने पर विचार

कुलपति ने सीसीडीसी कार्यालय में किया कार्यों का निबटारा दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन की स्थिति भयावह है. 25 अप्रैल और पुन: 12 मई को आये भूकंप के तेज झटकों से भवन काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है. स्थिति यह है कि विवि के कर्मी किसी अप्रिय घटना की आशंका से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 9:04 PM

कुलपति ने सीसीडीसी कार्यालय में किया कार्यों का निबटारा दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन की स्थिति भयावह है. 25 अप्रैल और पुन: 12 मई को आये भूकंप के तेज झटकों से भवन काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है. स्थिति यह है कि विवि के कर्मी किसी अप्रिय घटना की आशंका से इतने दहशतजदा है कि कार्यालय में जाने से भी डर रहे हैं. 25 अप्रैल को आये भूकंप के झटकों से कुलपति कार्यालय, सीनेट हाल के छत, विधि शाखा, कुलानुशासक कार्यलय, एफए कार्यालय सहित कई जगहों पर दरारें पड़ गयी. वहीं 12 मई के भूकंप ने इसे और अधिक क्षतिग्रस्त कर दिया है. आलम यह है कि बुधवार को कुलपति डॉ देवनारायण झा ने भूतल पर स्थित सीसीडीसी कार्यालय में बैठक कर कार्यों का निबटारा किया. इस क्रम में भूकंप के झटकों से कमजोर हो चुके भवन की मरम्मति कराकर इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने एवं विवि मुख्यालय के लिए नये प्रशासनिक भवन के निर्माण पर कुलपति ने विवि के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया. निर्णय लिया गया कि इस आशय का एक प्रस्ताव शीघ्र राज्य सरकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा जाय. हालांकि 25 अप्रैल के भूकंप के बाद कुलपति डॉ झा स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए एक प्रस्ताव राज्य सरकार, राजभवन एवं यूजीसी को भेज चुके हैं. मौके पर छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ सुरेश्वर झा, कुलानुशासक डॉ चौठी सदाय, सीसीडीसी डॉ शिवलोचन झा आदि मौजूद थे. इधर संस्कृत विवि एवं वर्तमान विवि मुख्यालय भवन की महत्ता केा देखते हुए बुद्धिजीवियों का मानना है कि सरकार को इस दिशा में शीघ्र सार्थक पहल करनी चाहिए अन्यथा यह केवल प्रदेश का ही नहीं अपितु पूरे राष्ट्र के लिए दु:खद होगा.

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