profilePicture

बदल गयी दिनचर्या, छीन गयी चैन

फोटो फारवार्डेड ::::::::बिरौल. लगातार आ रहे भूकंप के झटके से लोगों का दिल दहल उठा है. न जाने कब भूकंप थमने का नाम लेगी. इस दहशत में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. न रात सकुन न दिन में चैन. हमेशा भूकंप ही भूकंप का डर लगा हुआ रहता है. लोगों की दिनचर्या बदल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 10:04 PM

फोटो फारवार्डेड ::::::::बिरौल. लगातार आ रहे भूकंप के झटके से लोगों का दिल दहल उठा है. न जाने कब भूकंप थमने का नाम लेगी. इस दहशत में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. न रात सकुन न दिन में चैन. हमेशा भूकंप ही भूकंप का डर लगा हुआ रहता है. लोगों की दिनचर्या बदल गयी है. रात होते ही फिर सुबह कब होगी, इस इंंतजार में भर रात भूकं प से डर से लोग बेचैन रहते हैं. कभी इस करवट तो कभी उस करवट कर-कर रात गुजारने पर विवश हैं. व्यवसायी बबन सिंह कहते हैं कि एक बार आया और चला गया ऐसा भूकंप तो देखा पर अब तो लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं. बेंच भी किसी कारणवश हिल जाता है तो लगता है भूकंप आ गया है. भूकंप आने के बाद माथा में चक्कर शरीर में कंपकंपी होने लगती है. शिक्षक ललन सहनी का कहना है कि दिन रात भूकंप का खौफ बना रहता है. रात भर अभी भी बच्चों के साथ खुले मैदान में सोते हैं. भूकंप का इतना भय है कि दिलो दिमाग से उतरता ही नहीं है. गृहिणी आंंगनबाड़ी सेविका राधा देवी कहती है कि डर से नींद ही नहीं आती है. रात भर बैठकर रात काटते हैं. रामनगर के 80 वर्षीय मसोमात दहौड़ी देवी ने बताया कि अब मरने पर हूं. परंतु इस तरह का भूकंप कभी नहीं देखा. भूकंप के डर से शरीर थरथर करने लगता है. रात कभी बाहर तो घर करते करते थक जाती हूं. कब भगवान इस भूकंप को रोकेंगे.

Next Article

Exit mobile version