पांचवें गुरु की शहादत सिखधर्म की पहली शहादत
दरभंगा . सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 509 वें शहादत दिवस पर गुरु द्वारा श्री गुरुनानक सिंह सभा मिर्जापुर में गुरु पर्व मनाया गया. प्रबंधन कमेटी के सचिव गुरमित सिंह, अध्यक्ष मुनेश्वर सिंह और समूह सिंह संगत ने मिलकर शबद कीर्त्तन का आयोजन किया. इस मौके पर गुरु अर्जुन देव जी […]
दरभंगा . सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 509 वें शहादत दिवस पर गुरु द्वारा श्री गुरुनानक सिंह सभा मिर्जापुर में गुरु पर्व मनाया गया. प्रबंधन कमेटी के सचिव गुरमित सिंह, अध्यक्ष मुनेश्वर सिंह और समूह सिंह संगत ने मिलकर शबद कीर्त्तन का आयोजन किया. इस मौके पर गुरु अर्जुन देव जी महाराज की शहादत की व्याख्या करते हुए बताया की बादशाह जहांगीर ने गुरु साहेब को कड़ी यातना दी थी उन्हें लाहौर बुलाया गया. उसके बाद वहां उन्हें गरम तवे पर बैठाकर नीचे आग जलाकर ऊपर से गरम रेत डालकर यातना दी गयी. उनकी शहादत लाहौर में ही हो गयी. गुरु साहब ने इसे गुर का भागा मीठा लागे के रुप में माना. पांचवें गुरु की शहादत सिख धर्म की पहली शहादत है. इसमें मीठी लस्सी और ब्रेड के साथ चना का लंगर बांटा गया. शबद कीर्त्तन के बाद लंगर का आयोजन किया गया. स्त्री साध संगत ने इसको लेकर 29 दिनों से सुखमणि साहिब का पाठ शुरु किया था. जिसका समापन शुक्रवार को किया गया.