दरभंगा : डॉक्टर की अज्ञानता से तीन नवजात की मौत
उदाकिशुनगंज (दरभंगा) : डॉक्टर की अज्ञानता से बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र के बीड़ी रनपाल गांव की दलित महिला ने बगीचे में तीन बच्चों को जन्म दिया. चिकित्सकीय इंतजाम नहीं होने से नवजातों को नहीं बचा सके. बगीचे में एक साथ तीन बच्चों के जन्म व तुरंत मौत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी. […]
उदाकिशुनगंज (दरभंगा) : डॉक्टर की अज्ञानता से बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र के बीड़ी रनपाल गांव की दलित महिला ने बगीचे में तीन बच्चों को जन्म दिया. चिकित्सकीय इंतजाम नहीं होने से नवजातों को नहीं बचा सके. बगीचे में एक साथ तीन बच्चों के जन्म व तुरंत मौत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी.
प्रसूता को देखने के लिए सैकड़ों लोगों का हुजूम बगीचा पहुंच गया. बाद में प्रसूता की गंभीर हालत में उदाकिशुनगंज पीएचसी में भरती कराया गया. महादलित रंजन भारती की पत्नी कुंती देवी गर्भवती थी. शनिवार को पीड़ा होने पर परिजन उसे बिहारीगंज पीएचसी पहुंचे. जहां रात भर डॉ मिथिलेश ने भरती रखा. रविवार को डॉ ने पति से कहा कि अभी प्रसव का समय नहीं हुआ है. प्रसूता को घर ले जाइये. पीएचसी में कराये गये रजिस्ट्रेशन के कागज को डॉक्टर ने रख लिया. रंजन पत्नी को तांगा से घर लेकर चले गये.
लेकिन रास्ते में बीड़ी रनपाल गांव के समीप पहुंचने पर फिर से पीड़ा तेज हो गयी. परिजनों ने प्रसूता को तांगा पर से उतार कर ज्यों ही बांस बगीचा लाया कि प्रसूता ने तीन बच्चों को जन्म दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही गांव स्त्री व पुरुषों की उसे देखने के लिए भीड़ उमड़ गयी. किंतु कुछ देर बाद ही देख रेख के अभाव में एक-एक कर सभी नवजात की मौत हो गयी.
परिजन डॉक्टर की अज्ञानता पर सवाल उठा रहे थे. इस दौरान प्रसव पीड़ा ङोल रही महिला के शरीर से अधिक रक्तस्नव के उसकी भी स्थिति बिगड़ने लगी. सूचना पाते ही पीएचसी उदाकिशुनगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने तत्परता दिखाते हुए एंबुलेंस भेज कर प्रसव पीड़ित महिला को अस्पताल ला कर उपचार करना शुरू कर दिया. डॉ सिन्हा ने बताया कि महिला शारीरिक रूप से काफी कमजोर है. लेकिन अब इसे खतरे से बाहर कहा जा सकता है.