कैंपस… शिक्षकों के हितचिंतक थे मनोरंजन

दरभ्ंागा. संस्कृत विवि के कुलसचिव डॉ मनोरंजन दूबे के आकस्मिक निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. बुधवार को शोकसभा का आयोजन हुआ. स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्ष व शिक्षक इसमें सम्मिलित हुए. सभी ने इनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर ईश्वर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 7:05 PM

दरभ्ंागा. संस्कृत विवि के कुलसचिव डॉ मनोरंजन दूबे के आकस्मिक निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. बुधवार को शोकसभा का आयोजन हुआ. स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्ष व शिक्षक इसमें सम्मिलित हुए. सभी ने इनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना की. उल्लेखनीय है कि डॉ दूबे विवि के स्नातकोत्तर विभाग के छात्र रहे. इसके बाद यहीं से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. इन्होंने 1980 में व्याख्याता के रूप में रामावतार गौतम संस्कृत महाविद्यालय अहल्यास्थान से सेवा की शुरुआत की. 1990 में रीडर व 1998 में प्रोफेसर बने. जगदंबा संस्कृत कॉलेज बाथो व मअ रमेश्वरलता संस्कृत कॉलेज में प्रभारी प्रधानाचार्य भी रहे. उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रभारी पदाधिकारी, अंतर्लिनीकरण, परीक्षा नियंत्रक, महाविद्यालय निरीक्षक, समन्वयक, महाविद्यालय विकास परिषद आदि पदों को सुशोभित किया. दिसंबर 2012 से वे कुलसचिव के पद पर कार्य कर रहे थे. दर्जनों छात्र इसके पर्यवेक्षण में शाोधोपाधि प्राप्त कर चुके हैं. शोकसभा में डॉ विद्येश्वर झा, प्रो श्रीपति त्रिपाठी, डॉ शशिनाथ झा, डॉ विद्याधर मिश्र, डॉ बौआनंद झा, डॉ रामचंद्र झा, डॉ मीना कुमारी, डॉ शिवाकांत झा, डॉ श्रवण कुमार चौधरी, डॉ विनय कुमार मिश्र, शशिशेखर झा आदि प्रमुख थे. इधर छात्र समागम के विवि इकाई अध्यक्ष डॉ कृपानाथ महापात्र ने निधन को अपूरणीय क्षति बताया.

Next Article

Exit mobile version