तीन घरों के चिराग एक साथ बुझने पर रजौन गांव में दूसरे दिन भी रहा सन्नाटा

कमतौल . डीकेबीएम पथ पर मंगलवार को हुए सड़क दुर्घटना में एक ही गांव के तीन युवक की मृत्यु के दूसरे दिन भी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा़ मृतक के परिजनों को सांत्वना दिलाने के लिए लोग आते-जाते रहे़ पंचायत के मुखिया आफाक आलम ने तीनों परिजनों से अलग-अलग मिलकर ढांढस दिलाया़ कबीर अंत्येष्टि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 9:05 PM

कमतौल . डीकेबीएम पथ पर मंगलवार को हुए सड़क दुर्घटना में एक ही गांव के तीन युवक की मृत्यु के दूसरे दिन भी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा़ मृतक के परिजनों को सांत्वना दिलाने के लिए लोग आते-जाते रहे़ पंचायत के मुखिया आफाक आलम ने तीनों परिजनों से अलग-अलग मिलकर ढांढस दिलाया़ कबीर अंत्येष्टि योजना से मिलने वाली 1500 रुपये की राशि दी.

इस बीच तीनों दरवाजे पर काफी भीड़ लगी रही़ सभी शुभचिंतकों से मृतक के मां-बाप बुढ़ापा की लाठी छीन जाने का रोना रोते रहे़ वही पत्नी सात जनम साथ निभाने की कसमें खाने वाले पति द्वारा वादा तोड़ने का आरोप लगा, बिलखने लगती थी़ जिससे हर किसी के आंखों से बरबस ही आंसू निकल जा रहे थे़.

मातमी सन्नाटे को चीरती हुई रह-रह कर निकलने वाली कारुणिक चीत्कार से लोगों का दिल दहल जा रहा था़ लोग परिजनों को सांत्वना दिलाने की भरसक कोशिश में जुटे रहे़ हालांकि पुलिस ने मंगलवार देर रात ही शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया़ देर रात ग्रामीणों के सहयोग से शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया़ ग्रामीण बुजुगोंर् की मानें तो गांव के इतिहास में यह पहली घटना है़ श्मशान में एक साथ तीन चिता इससे पहले कभी नहीं जलायी गयी़

Next Article

Exit mobile version