भीषण गरमी में अब खुलेंगे निजी विद्यालय

दरभंगा : कै लेंडर की तिथि आगे बढ़ने के साथ गरमी में लगातार वृद्धि होती जा रही है. चिलचिलाती धूप में एक मिनट के लिए भी निकले में लोग बदन झुलसता महसूस करते हैं. इस विकट मौसम में अब निजी विद्यालय भी खुलने वाले हैं. हालांकि अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग तिथि में यह खुल रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 8:36 AM

दरभंगा : कै लेंडर की तिथि आगे बढ़ने के साथ गरमी में लगातार वृद्धि होती जा रही है. चिलचिलाती धूप में एक मिनट के लिए भी निकले में लोग बदन झुलसता महसूस करते हैं. इस विकट मौसम में अब निजी विद्यालय भी खुलने वाले हैं. हालांकि अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग तिथि में यह खुल रहे हैं. चार से प्राइवेट विद्यालय के खुलने का सिलसिला शुरू हो जायेगा. जिस तरह लगातार गरमी बढ़ती जा रहा है, उसमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक अभी से परेशान हैं.

कारण स्कूल खुल जाने के बाद अगर बच्चे को विद्यालय नहीं भेजते तो उनकी पढ़ाई बाधित होगी. अगर स्कूल भेजते हैं तो इस लू के थपेड़ों में उनके बीमार होने का खतरा है. उल्लेखनीय है कि भूकंप के लगातार आ रहे झटकों की वजह से प्रदेश सरकार ने समय से पहले ही गृष्मावकाश की घोषणा कर दी. इसके तहत सरकारी व निजी विद्यालय बंद कर दिये गये. इस बीच शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश को ताक पर रख जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीकृष्ण सिंह ने सरकारी विद्यालयों को पिछले 28 मई से ही खोल दिया. इस चिलचिलाती धूप में विशेषकर स्कूल से लौटने के समय नौनिहाल बच्चों को काफी परेशानी होती है. मासूम चेहरे कुम्हला रहे हैं.

यह तो हालत तो अभी सरकारी विद्यालय के बच्चों की है, आनेवाले समय में यही हाल निजी स्कूल के छात्र-छात्राओं का होनेवाला है. यहां बता दें कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने गृष्मावकाश के बाद स्कूल खोलने को लेकर भी निर्देश दे रखा है.

इसके तहत पूर्व निर्धारित स्कूल खोलने की तिथि से एक सप्ताह पूर्व विद्यालयों को खोलना है. सवाल यह उठता है जब सरकार के निर्देश का अनुपालन खुर सरकारी विभाग के मुलाजिम नहीं कर रहे तो प्राइवेट स्कूल संचालक को किस मूंह से स्कूल नहीं खोलने को कहेंगे. ज्ञातव्य हो कि सरकारी विद्यालयों को विभागीय निर्देश के आलोक में आगामी 23 जून तक बंद रखने के लिए शिक्षक संघ के नेतागण कई बार प्रयास क र चुके हैं. डीइओ से लेकर डीएम व आरडीडी तक के समक्ष समस्या रखी.

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