सदर. शिवधारा बाजार समिति परिसर दिनों दिन सिकुड़ती जा रही है. इसका मुख्य कारण है व्यापारियों द्वारा खाली भूमि को अतिक्रमण कर अवैध रुप से दुकानों का निर्माण कर लेना. अवैध निर्माण को लेकर बाहर से सामान की खरीदारी करने पहुंचनेवाले छोटे छोटे व्यापारियों पर इसका असर पड़ रहा है. उन्हें सामान लादने के लिए अपने वाहनों को भीतर तक ले जाने में कठिनाई होती है. इसे लेकर सुबह 11 बजे से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं परिसर के भीतर एक कें द्रीय एवं दूसरे राज्य सरकार की गोदाम अवस्थित रहने से भी बड़े छोटे वाहनों की कतारें लगी रहती है. ऐसी परिस्थिति में व्यापारियों को जेब ढीला करना पड़ रहा है. उन्हें अपना सामान ठेला रिक्शा पर लादकर परिसर के बाहर लगी गाडि़यों में लोड करना पड़ता है. इतना ही नहीं व्यापारियों द्वारा खाली जमीन को कब्जा कर अवैध दुकान निर्माण से सरकारी राजस्व का भी काफी क्षति हो रहा है. इसके लिए विभाग का रुख अच्छा नहीं है. हालांकि वर्त्तमान में परिसर के भीतर बने सभी दुकानों एवं गोदामों से जितनी राशि की आमदनी हो रही है. करीब उतने ही राजस्व का घाटा विभाग को सहना पड़ रहा है. इसके लिए पूर्व में विभागीय पदाधिकारी ने सभी अवैध दुकानों को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने का आश्वासन भी दिया था. जो आजतक अधर में लटका पड़ा नजर आ रहा है. इस बात क ो लेकर इलाके के किसानों में हलचल मची है. इस बात को लेकर रोज गांवों के चौक चौराहों पर तरह तरह की चर्चाएं होती रहती है.
सिकु ड़ती जा रही बाजार समिति
सदर. शिवधारा बाजार समिति परिसर दिनों दिन सिकुड़ती जा रही है. इसका मुख्य कारण है व्यापारियों द्वारा खाली भूमि को अतिक्रमण कर अवैध रुप से दुकानों का निर्माण कर लेना. अवैध निर्माण को लेकर बाहर से सामान की खरीदारी करने पहुंचनेवाले छोटे छोटे व्यापारियों पर इसका असर पड़ रहा है. उन्हें सामान लादने के लिए […]
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