नवंबर में निरीक्षण को आयेगी यूजीसी की टीम
दरभंगा : लनामिवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के परामर्शदात्री समिति की बैठक रविवार को कुलपति के आवासीय कार्यालय पर संपन्न हुई. अध्यक्षता कुलपति डा. साकेत कुमार कुशवाहा ने की. इस बैठक में निदेशालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवा शर्त पर विचार किया गया. नये सेवा शर्त को मंजूरी दी गयी. बैठक में लिये […]
दरभंगा : लनामिवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के परामर्शदात्री समिति की बैठक रविवार को कुलपति के आवासीय कार्यालय पर संपन्न हुई. अध्यक्षता कुलपति डा. साकेत कुमार कुशवाहा ने की.
इस बैठक में निदेशालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवा शर्त पर विचार किया गया. नये सेवा शर्त को मंजूरी दी गयी. बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए निदेशक डा. अरविन्द कुमार झा ने बताया कि जिस अंगीभूत महाविद्यालय में बीएड की पढाई होती है, वहां पर यह लागू होगा. इसके तहत 16 दिन का सीएल टीचिंग एवं ननटीचिंग दोनों को दिया जायेगा जबकि स्पेशल सीएल 12 दिन का होगा.
30 दिन ड्यूटी लिव दिया जायेगा. ग्रीष्मावकाश नहीं मिलेगा. यह सेवा शर्त 31 मार्च 2016 तक लागू रहेगा. बतादें कि 31 मार्च को निदेशालय की मान्यता समाप्त होने वाली है. बैठक में निर्णय लिया गया कि नवंबर में यूजीसी की टीम निरीक्षण के लिए निदेशालय पहुंच रही है. वहीं एनसीटीई भुवनेश्वर की एक टीम जनवरी 2016 में भ्रमण करेगी. इसको लेकर अभी से ही तैयारी शुरु कर लिया जाये. इस क्रम में पाया गया कि दो चीजों की दूरस्त शिक्षा निदेशालय में कमी है. इसयमें निदेशालय का अपना भवन नहीं है. दूसरा फैकल्टी की कमी है.
भवन की कमी को दूर करते हुए बंगला नंबर छह को आवंटित करते हुए निर्माण कार्य की अनुमति दी गयी.इसके तहत पंद्रह दिन के अंदर आर्किटेक्ट का चयन कर नवंबर तक भवन निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया. बीएड नियमित एवं बीएड दूरस्थ तथा एमए एजुकेशन को मर्ज करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए कुल 20 शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये.
इधर, सामान्य कोर्सो के लिए भी 20 शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये. इसमें सोसलसाइंस 14, मानविकी के चार, वाणिज्य के दो शिक्षक शामिल हैं. वहीं नन टीचिंग में पहले 43 पद स्वीकृत थे. अब बढाकर 52 पद कर दिया गया. बीएड रेगुलर के लिए दस पद अलग से स्वीकृत किये गये है.
इसके अलावा जुलाई 2015 में होने वाले छात्रों के नामांकन को लेकर पुस्तक विवि प्रेस से छपवाने का निर्णय लिया गया. दो माह में पुस्तक की आपूर्ति करने को कहा गया. इसके अलावा डीडीई काउंटर के पास तीन शेड निर्माण के लिए दो लाख 40 हजार के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गयी. पुरानी उत्तर पुस्तिकाओं का ऑक्सन कराने का निर्णय लिया गया.
इस बैठक में प्रो.वीसी सैयद मुमताजुद्ीन, डीएसडब्लू केपी सिन्हा, रजिस्ट्रार अजीत कुमार सिंह, एफए एमआर मालाकार, प्रेस मैनेजर डा. भवेश्वर सिंह समेत अन्य मौजूद थे.