आसमान में छायी बदरी, गरमी से बेजार लोगों को मिली राहत

दरभ्ंागा. नौ जून की शाम चार बजे तापमान मापने का पारामीटर 42 डिग्री पारा दिखा रहा था. पसीने से लथपथ लोगों को पंखा के नीचे भी सुकून महसूस नहीं हो रहा था. घर के भीतर भीषण गरमी व उमस के कारण घुटन सी लग रही थी. बार-बार गला सूख रहा था. 10 जून की शाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2015 9:04 PM

दरभ्ंागा. नौ जून की शाम चार बजे तापमान मापने का पारामीटर 42 डिग्री पारा दिखा रहा था. पसीने से लथपथ लोगों को पंखा के नीचे भी सुकून महसूस नहीं हो रहा था. घर के भीतर भीषण गरमी व उमस के कारण घुटन सी लग रही थी. बार-बार गला सूख रहा था. 10 जून की शाम मौसम ने तरस खाया. लोगों को ‘मौसम है सुहाना के …’ गुनगुनाने की स्थिति में ला दिया. 11 जून यानि गुरुवार की सुबह से ही आसमान पर बदरी छा गयी. लू के थपेड़ों से झुलसे लोगों का मन मयूरा नाच उठा. घर में कैद से रहने वाले बच्चे चहचहा उठे. खेल मैदान में उनकी किलकारियां गूंज उठी. वीरान सड़कें भी रंगीन नजर आने लगी. कई दिनों से काम को आज-कल पर टाल रहे लोग भी घर से निकले. ऐसा लगा जैसे जन-जीवन वापस पटरी पर लौटने लगी. मुरझाये चेहरों पर उस पौधे की तरह रौनक लौटने लगी जो पानी के बिना कुम्हला गये थे.

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