साइबर अपराधी तो नहीं कर रहे रेलवे में सेंधमारी !
भीड़ के बावजूद कम हो रही यात्रियों की संख्या दरभंगा : यात्रियों को ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही. स्टेशन परिसर यात्राियों की भीड़ से खचाखच भरी पड़ी है. सवारी गाड़ी भी कमोबेश फ ुल चल रही है, बावजूद यात्राियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. यह रेलवे के लिए चिंता का विषय […]
भीड़ के बावजूद कम हो रही यात्रियों की संख्या
दरभंगा : यात्रियों को ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही. स्टेशन परिसर यात्राियों की भीड़ से खचाखच भरी पड़ी है. सवारी गाड़ी भी कमोबेश फ ुल चल रही है, बावजूद यात्राियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. यह रेलवे के लिए चिंता का विषय बना है. रेल प्रशासन इसकी वजह तलाशने में जुटी है. इस माजरे ने रेलवे में साइबर अपराधियों की सेंधमारी की शंका प्रबल कर दी है. कारण इस स्थिति में यात्राियों की संख्या में जहां इजाफा होना चाहिए था, वहां इसमें गिरावट आ रही है.
महकमा इस कमी को पूरा करने के लिए लगातार सघन टिकट चेकिंग अभियान चला रही है. हालांकि इसकी सही वजह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगी, पर फिलवक्त रेलवे के लिए यह सिर दर्द बना हुआ है.
लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग भी उपलब्ध नहीं
दरभंगा से खुलनेवाली व गुजरनेवाली सभी गाड़ियों में टिकट के लिए मारामारी चल रही है. ऑन डिमांड आरक्षण की बात तो दूर यात्राियों को वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहा. दिल्ली जानेवाली 12565 बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट हो या 12561 स्वतंत्रता सेनानी, 10066 पवन एक्सप्रेस हो या 12577 बागमती. या फिर 12569 गरीब रथ. प्राय: सभी गाड़ियों में अगले तीन से चार दिनों तक वेटिंग रिग्रेट चल रहा है. जिसमें कोलकाता जानेवाली गाड़ियों में टिकट को कोई पूछता नहीं था.
कई गाड़ियां खाली ही चली जाती थी, उन ट्रेनों में भी आरक्षण की भारी किल्लत हो गयी है. यह स्थिति सिर्फ दरभंगा की नहीं है. पूरे डिवीजन में कमोबेश यही आलम है, इसके बाद भी रेलवे के आंकड़े के अनुसार यात्री संख्या में कमी दर्ज की जा रही है.
भीड़ के बावजूद गिर रहा ग्राफ
भीड़ सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनों में ही नहीं है. सामान्य एक्सप्रेस से लेकर सवारी गाड़ियों तक में एक सी स्थिति है.इसका प्रमाण जंकशन समेत अन्य स्टेशनों पर जुटी भीड़ दे रहे हैं. यह अलग बात है कि इन दिनों विशेषकर दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर आदि प्रमुख स्टेशनों पर पंजाब-हरियाणा जानेवालों की भीड़ जमा है. इस कारण पूरा परिसर यात्राियों की भीड़ से पटा नजर आ रहा है. दरअसल सालों भर लोकल ट्रेनों में लगभग एक समान भीड़ दिखती है, बावजूद यात्राियों की संख्या में कमी आ रही है.
लोकल ट्रेन के यात्रियों पर शक
रेलवे इसके लिए लोकल ट्रेन के यात्रियों पर शक कर रही है. अधिकारियों को आशंका है कि एक से दो स्टेशन की यात्रा करनेवाले संभवत: टिकट नहीं खरीद रहे. इसी कारण यात्राी संख्या कम हो रही है.
साथ ही इसका प्रभाव रेल की आय पर भी सीधा पड़ रहा है. इस नजरिये से रेल ने सवारी गाड़ियों में टिकट चेकिंग पर जोर भी दिया है. हालांकि इसका असर रेल की आमद पर दिख रहा है, लेकिन यह बात तो स्पष्ट है कि लोकल ट्रेनों में शायद ही कभी चेकिंग पहले हुई हो. गाहे-बगाहे टिकट चेकिंग होती रही, पर नियमित जांच कभी नहीं हुई.जाहिर है प्रथम दृष्टया इसको वजह नहीं माना जा सकता.
साइबर अपराधियों पर शक की सूई
जैसे-जैसे नई तकनीकी आ रही है, अपराध का तरीका भी बदल रहा है. साइबर अपराधी इसी तकनीकी के माध्यम से लोगों को चूना लगा रहे हैं. जिस तरह ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है और यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है, उससे इसमें साइबर क्रिमिनल की संलिप्तता को बल मिल रहा है.
यहां याद दिला दें कि चालू ट्रेन को रद्द दिखा समस्तीपुर रेल मंडल में साइबर क्रिमिनल ने महकमा को चूना लगा चुका है. इसमें हालांकि विभाग के कर्मी की संलिप्तता उजागर हुई थी. इस नजरिये से एक बार फिर साइबर अपराधियों पर शक की सूई घूमकर पहुंच गयी है. चर्चा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि रेलवे की आंखों में धूल झोंककर ये अपराधी विभाग को चपत लगा रहे हैं. बहरहाल यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन विभाग इस नजर से भी जांच करने का मन बना रही है. वैसे यह जांच तो उच्च स्तर से होगी.
कहते हैं अधिकारी
ट्रेनों में भीड़ है ही. प्लेटफॉर्म पर भी यात्रियों का जमावड़ा लगा दिख रहा है. फिर भी यात्रियों की संख्या में गिरावट आ रही है. लगता है, टिकट लेकर चलनेवाले लोकल यात्रियों ने टिकट खरीदना कम कर दिया है.
इस को लेकर सवारी गाड़ियों को फोकस किया गया है. सघन चेकिंग की जा रही है. आनेवाले समय में स्थिति साफ हो पायेगी.
बीएनपी वर्मा, सीनियर डीसीएम सह पीआरओ, समस्तीपुर मंडल