दरभंगा टावर के पास सबसे अधिकअतिक्रमण
दरभंगा : शहर का हृदयस्थल कहलाने वाला दरभंगा टावर सबसे अधिक अतिक्रमणकारियों के चंगुल मैं है. टावर के चारों ओर 38 फिट चौड़ी सड़क के अलावा 5 फिट चौड़ा फुटपाथ है. लेकिन आलम यह है कि यहां से एक दोपहिया वाहन को भी गुजरने में पांच मिनट से अधिक लग जाता है. सबसे बदतर स्थिति […]
दरभंगा : शहर का हृदयस्थल कहलाने वाला दरभंगा टावर सबसे अधिक अतिक्रमणकारियों के चंगुल मैं है. टावर के चारों ओर 38 फिट चौड़ी सड़क के अलावा 5 फिट चौड़ा फुटपाथ है. लेकिन आलम यह है कि यहां से एक दोपहिया वाहन को भी गुजरने में पांच मिनट से अधिक लग जाता है.
सबसे बदतर स्थिति सुभाष चौक से टावर एवं टावर से बड़ा बाजार की है. सुभाष चौक से टावर के बीच करीब दो दर्जन दुकानदारों ने फुटपाथ के अलावा अब कंक्रीट सड़क तक अपनी दुकानें सरका ली है. दुकानदारों की हद का आलम यह है कि यदि कोई बाइक या चारपहिया वाहन उसके सामान तक पहुंच जाये तो सभी मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.
करीब तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन सदर एसडीओ संजय कुमार सिंह ने काफी मशक्कत कर सुभाष चौक से टावर के बीच अतिक्रमण को खाली करवाया था. लेकिन सप्ताह भर बाद ही स्थिति सामान्य हो गयी. जबकि जिस नगर थाना की यह जिम्मेवारी है, उसके थानाध्यक्ष से लेकर अन्य सहकर्मी दिन भर में कई बार उसी मार्ग से गुजरते हैं.
फल विक्रेताओं पर मेहरबानी क्यों
जिला प्रशासन के निर्देश पर टावर के चारों ओर ‘नो पार्किग जोन’ घोषित किया गया है. ऐसी स्थिति में टावर पर नो पार्किग जोन का अभियान चले या अतिक्रमण हटाओ अभियान, लेकिन टावर के इन दुकानदारों पर इसका चंद घंटों के लिए ही असर दिखता है. अतिक्रमण खाली करनेवाले दंडाधिकारी व पुलिस टीम यहां से गयी और ये ठेला दुकानदार पुन: काबिज हो जाते हैं, जबकि उनकी दुकान से महज 100 फिट की दूरी पर पुलिस जीप खड़ी रहती है.