डीएम ने रद्द किये 36 ओडी शस्त्रधारकों के लाइसेंस

दरभंगा : जिला शस्त्र अनुज्ञप्ति पदाधिकारी सह डीएम कु मार रवि ने 36 ओडी शस्त्र धारकों के लाइसेंस रद्द कर दियें हैं. इसमें पुलिस महकमे के वरीय अधिकारी, सिविल सजर्न, एडीएम जिला अवर निबंधक, वरीय चिकित्सक और नामी गिरामी व्यक्ति शामिल हैं. यह सभी लाइसेंस दूसरे जिले (ओडी) से निर्गत किये गये थे. वर्षो से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2015 7:35 AM
दरभंगा : जिला शस्त्र अनुज्ञप्ति पदाधिकारी सह डीएम कु मार रवि ने 36 ओडी शस्त्र धारकों के लाइसेंस रद्द कर दियें हैं. इसमें पुलिस महकमे के वरीय अधिकारी, सिविल सजर्न, एडीएम जिला अवर निबंधक, वरीय चिकित्सक और नामी गिरामी व्यक्ति शामिल हैं. यह सभी लाइसेंस दूसरे जिले (ओडी) से निर्गत किये गये थे. वर्षो से इन शस्त्रों का न तो सत्यापन कराया गया है और न ही लाइसेंस का नवीकरण कराया गया था.
हाल ही में गृह मंत्रलय के द्वारा नेशनल डाटाबेस आर्म्स लाइसेंस (एनडीएएल) के प्रपत्र में सभी शस्त्रधारकों से डाटा उपलब्ध कराने को कहा गया था लेकिन इन सबों का न तो पता सही पाया गया न ही प्रपत्र हस्तगत कराये जा सके. कई अधिकारियों के नाम के आगे उनके स्थायी पता का जिक्र तक नहीं किया गया था. यह चौंकाने वाले तथ्य डाटाबेस प्रपत्र भेजने के दौरान प्राप्त हुए.
ओडी लाइसेंस रद्द किये जाने की सूची में शामिल कई सेवानिवृत पुलिस अधिकारी हैं तो कई प्रशासनिक अधिकारी. सिविल सजर्न और चिकित्सकों के नाम भी शस्त्र अनुज्ञप्ति नवीकरण नहीं कराये जाने का मामला सामने आया है.
डाटाबेस प्रपत्र लेकर जब उनके दर्शाये पते पर कर्मी गये तो पता चला कि वे वर्षो पहले यहां रहते थे अब कहां हैं पता नहीं. कई ऐसे अधिकारी थे जो अपनी सेवा के दौरान यहां पर प्रतिनियुक्त थे और तबादला होने पर अन्यत्र चले गये लेकिन उन्होंने शस्त्र लाइसेंस का नवीकरण कराना और इसकी सूचना देना भी विभाग को उचित नहीं समझा.
अबतक सोया था महकमा
वर्षो से शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी ने नवीकरण तथा शस्त्र का सत्यापन नहीं कराया तो विभाग ने उनकी खोज तक नहीं की.किस पते पर किसको कब लाइसेंस निर्गत किया गया इसकी सूचना तो दर्ज मिली लेकिन उनका शस्त्र सत्यापन हर चुनाव के दौरान संबंधित थाना क्षेत्र में कराना अनिवार्य था जो नहीं हुआ. इतना ही नहीं अनुज्ञप्ति देनेवाले अधिकारी भी इस दिशा में उदासीन बने रहे और महज खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ते रहे. जब गृह मंत्रलय ने एनडीएएल प्रपत्र में जानकारी मांगी तो सबों की नींद खुली और शस्त्रधारकों की खोज शुरु हुई.

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