झमाझम बारिश से गिरा पारा
दरभंगा : आद्र्रा नक्षत्र ने शनिवार को मॉनसून की पहली बारिश से महीनों से पानी को तरह रहे प्यासों को तन-मन जुड़ा दिया. करीब एक सप्ताह पूर्व आद्रा नक्षत्र ने पहले दिन ही तपती धूप से राहत दिला काले कजरारे बादलों से प्यासे लोगों के मन में उम्मीदें जगा दी थी. करीब एक सप्ताह इस […]
दरभंगा : आद्र्रा नक्षत्र ने शनिवार को मॉनसून की पहली बारिश से महीनों से पानी को तरह रहे प्यासों को तन-मन जुड़ा दिया. करीब एक सप्ताह पूर्व आद्रा नक्षत्र ने पहले दिन ही तपती धूप से राहत दिला काले कजरारे बादलों से प्यासे लोगों के मन में उम्मीदें जगा दी थी.
करीब एक सप्ताह इस नक्षत्र के बीतने के बाद भी वर्षा नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी थी. किसान आपस में यह चर्चा करने लगे थे कि यदि आद्र्रा नक्षत्र भी धोखा दिया तो भदई फसल भी चौपट हो जायेगी.
आज अहले सुबह से ही कारे कजरारे बादल मंडरा रहे थे. सुबह छह बजे से बूंदा बांदी शुरू हुई और दिन के दस बजे तक तीन बार भारी वर्षा से महीनों से प्यासी धरती तृप्त हुई. इसके बाद दिन भर रुक रूककर वर्षा हो रही है.
बारिश में भींगकर बच्चों ने उठाया लुत्फ
शनिवार होने से आज 10.30 बजे अधिकांश सरकारी एवं निजी स्कूलों में छुट्टी हो गयी. उस समय अचानक तेज वर्षा शुरु होने पर किताब कॉपी भींगने की परवाह किये बिना छात्र छात्राएं वर्षा का लुत्फ उठा रहे थे. महीनों से तेज धूप का सामना किये इन बच्चों को वर्षा की बूंदे जुरा रही थी. लोग अपने आंगन एवं छत पर खड़े होकर काफी देर तक शरीर को भिंगोते रहे. ऐसी धारणा है कि मॉनसून की पहली बारिश में स्नान करने से शरीर को गरमी से निजात मिलती है.
आद्रा नक्षत्र की बरसात से शुरू होती है खेती
आद्र्रा एवं हस्त (हथिया) नक्षत्र की वर्षा किसानों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. आद्र्रा नक्षत्र की वर्षा से किसान बीज गिराने के लिए खेतों की जुताई शुरू करते हैं. इसके बाद बीज गिराने की प्रक्रिया शुरू करते हैं. इसी तरह हथिया नक्षत्र की वर्षा भी किसानों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. हथिया की वर्षा से धान की फसल को सर्वाधिक फलदायक माना गया है.