कैंपस… सीधा संवाद करती हैं तुलसीराम की कविताएं
हिंदी विभाग में तुलसीराम की मुरदहिया पर विशेष व्याख्यान दरभंगा. लनामिवि के हिंदी विभाग में गुरुवार को तुलसीराम कृत मुरदहिया पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संसाधन पुरुष के रूप में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अफ्रीकन स्टडीज के अध्यक्ष डॉ सुबोध मालाकार ने भाग लिया. डॉ मालाकार लगभग […]
हिंदी विभाग में तुलसीराम की मुरदहिया पर विशेष व्याख्यान दरभंगा. लनामिवि के हिंदी विभाग में गुरुवार को तुलसीराम कृत मुरदहिया पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संसाधन पुरुष के रूप में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अफ्रीकन स्टडीज के अध्यक्ष डॉ सुबोध मालाकार ने भाग लिया. डॉ मालाकार लगभग चार दशकों तक प्रसिद्ध लेखक व चिंतक तुलसीराम के सहयात्री भी रहे हैं. तुलसीराम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि तुलसीराम में अन्य दलित लेखकों की तरह आत्म प्रशंसा व नाकारात्मकता नहीं है. तुलसीराम का व्यक्तित्व मुरदहिया एवं मनिकर्णिका से परे भी है. उनकी कविताएं लोगों से सीधा संवाद कर रही है. उन्होंने अपनी रचनाओं में बौद्ध दर्शन एवं मार्क्सवाद मंे समन्वय की कोशिश की है. तुलसीराम को बहुआयामी बताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति, साहित्य, संगीत, कला आदि पर उनकी गंभीर पकड़ रही है. एमए हिंदी के पाठ्यक्रम में मुरदहिया के शामिल होने पर डॉ मालाकार ने प्रसन्नता व्यक्त की. व्याख्यान की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ रामचंद्र ठाकुर ने की जबकि संचालन डॉ चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने किया. इस अवसर पर संकायाध्यक्ष डॉ बीके सिंह, डॉ सत्यनारायण प्रसाद, डॉ आनंद प्रसाद गुप्ता, डॉ उमेश कुमार शर्मा सहित कई छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.