रमजान का इंतजार रहता है नन्हें रोजेदारों को

फोटो संख्या- 02 से 07 तक परिचय- नन्हें रेाजेदारों की तसवीर दरभंगा. स्थानीय करमगंज मुखिया चौक के पास नन्हें रोजेदारों ने रोजा रखा. मो दानिश(12) अबतक के सभी रोजे रखे हैं और पिछले साल भी उन्होंने रोजा रखा था. अब्दुल रहमान 10 वर्ष का है. वह कुल पांच रोजे रखे. उनका कहना था कि रोजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2015 8:04 PM

फोटो संख्या- 02 से 07 तक परिचय- नन्हें रेाजेदारों की तसवीर दरभंगा. स्थानीय करमगंज मुखिया चौक के पास नन्हें रोजेदारों ने रोजा रखा. मो दानिश(12) अबतक के सभी रोजे रखे हैं और पिछले साल भी उन्होंने रोजा रखा था. अब्दुल रहमान 10 वर्ष का है. वह कुल पांच रोजे रखे. उनका कहना था कि रोजे का हमें इंतजार रहता है. वहीं सुलमा खातून (8) इसबार छह रोजा रखी है. वह स्कूली भी जाती है. रोजे के दौरान घर में भी मां की इफ्तार में मदद करती है. वे कहते हैं कि रोजा रखना अच्छा लगता है. फातमा आफरीन (7) ने अबतक 15 रोजा रखा है. वहीं दूसरी ओर जैसे-जैसे रमजान गुजरता जा रहा है, लोग बाजारों की ओर बढ़ रहे हैं. रूहानियत से भरा यह महीना हर इंसानों के लिए खुशी का त्योहार माना जाता है. इस त्योहार का हर धर्म के मानने वालों के दिलों में एहतेराम होता है. शाम को अजान सुनते ही लोग इफ्तार करते हैं और सुबह अजान से पूर्व सेहरी करते हैं. नेकी व इबादत का सबसे बड़ा महीना रमजान को माना जाता है. अल्लाह पाक शैतानों को इस महीने में बंद कर देते हैं और अपने बंदों पर रहमतों की वर्षा करते रहते हैं. एक माह की रमजान से पूरे ग्यारह माह इसी तरह से जिंदगी गुजारने की सीख देता है.

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