शोक मंे डूबा शहीद प्रवीण सिंह का गांव

आठ साल पूर्व हुई थी शादीफोटो. फारवाडेडघनश्यापुर: जांबाज पुलिस अधिकारी प्रवीण सिंह की शहादत की खबर मिलते ही पूरा तुमौल गांव गम में डूब गया. चाचा श्यामानंद सिंह को उनके शहादत के बारे में खबर नहीं थी. प्रभात खबर की ओर से जैसे ही यह सूचना दी गयी कि वे सहसा इस पर ऐतबार नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2015 11:08 PM

आठ साल पूर्व हुई थी शादीफोटो. फारवाडेडघनश्यापुर: जांबाज पुलिस अधिकारी प्रवीण सिंह की शहादत की खबर मिलते ही पूरा तुमौल गांव गम में डूब गया. चाचा श्यामानंद सिंह को उनके शहादत के बारे में खबर नहीं थी. प्रभात खबर की ओर से जैसे ही यह सूचना दी गयी कि वे सहसा इस पर ऐतबार नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि वह मर नहीं सकता. जब यकीन हुआ तो आंखों से अश्रुधार बह उठी. घर में कोहराम मच गया. यह सुनकर आसपास के लोग भी वहां पहंंुच गये. जिसने प्रवीण की शहादत की बात सुनी उसकी आंखें नम हो गयी. सभी ने मुक्त कंठ से प्रवीण की सराहना करते हुए कहा कि वह बचपन से ही निर्भीक था. हालांकि प्रवीण के माता-पिता भी गांव में नहीं रहते. वे मधुबनी के बहुआरा में रहते हैं. खुद प्रवीण सपरिवार पटना में रहा करते थे. उनकी शादी वर्ष 2007 के 26 अप्रैल को छपरा के गंगाजल गांव में हुई थी. अपने आठ व पांच वर्ष के दो पुत्रों के साथ अपनी पत्नी को वे अकेला छोड़ गये. शहादत के बाद उनके गांव में प्रवीण की दिलेरी की चर्चा शुरू हो गयी है. उसके सहपाठी, मित्र बचपन से लेकर जवानी के विभिन्न घटनओं को याद कर फक्र करते हुए शोक में डूबे हैं. वे अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे. दो बहनों मंे प्रवीण सबसे बड़ा था.

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