एसएसपी की तत्परता पर जांच में आयी तेजी
जोरजा में गाड़े गये चापाकल की जांच को पहुंची पीएचईडी की टीम बहेड़ी : जोरजा पंचायत में चापाकल गाड़ने में अनियमितता को लेकर दर्ज काण्ड संख्या 42/13 के मामले में एसएसपी के आदेश के बाद जांच में तेजी आ गयी है. इस मामले में तत्कालीन मुखिया उषा देवी एवं पंचायत सचिव राधेश्याम भगत एवं अभिकर्ताओं […]
जोरजा में गाड़े गये चापाकल की जांच को पहुंची पीएचईडी की टीम बहेड़ी : जोरजा पंचायत में चापाकल गाड़ने में अनियमितता को लेकर दर्ज काण्ड संख्या 42/13 के मामले में एसएसपी के आदेश के बाद जांच में तेजी आ गयी है. इस मामले में तत्कालीन मुखिया उषा देवी एवं पंचायत सचिव राधेश्याम भगत एवं अभिकर्ताओं को कोर्ट नालिसी के बाद अभियुक्त बनाया गया था. एसएसपी के पत्रांक 1814 दिनाक 08 जून 2015 के निर्देश के आलोक में पीएचइडी के सहायक अभियंता प्रमोद पाण्डेय एवं जेई सुरेन्द्र साहू ने गुरुवार को गड़े हुए चापाकल की स्थल जांच कर तत्कालीन पंचायत सचिव की खोज की लेकिन, तबादला हो जाने के कारण वे नहीं मिले. पीएचइडी का जांच दल अभिलेख को ख्ंागालने के लिए प्रखंड मुख्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने अपराह्न में बीडीओ से इस संबंध में जानकारी लिया. बीडीओ के निर्देश पर कार्यालय पहुंचे वर्तमान पंचायत सचिव कृष्ण कुमार मोहन ने कहा कि उन्हें वित्तीय वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 में गड़े बीआरजीएफ से संबंधित चापाकल का कोई अभिलेख तत्कालीन पंस ने नहीं दिया है. थाना में दर्ज काण्ड के अनुसार इस योजना से आठ चापाकल लगाने के लिए अभिकर्ता इरशाद अहमद को 16 हजार, किरण देवी को 15 हजार, रामनरेश यादव को 80 हजार एवं सुरेश सिंह को 50 हजार रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया. यह चेक पंचायत चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद दिनांक 20 जुलाई 2010 को मुखिया एवं पंस के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत किया गया. इसी को लेकर एसएसपी के पीआर नोट के आलोक में पीएचईडी के अधिकारी मामले को खंगालने आये.