बिना काम के ही मानदेय का उठाव किया बालश्रमिक परियोजना के कर्मियों ने
जिला बाल श्रमिक परियोजना समिति ने डीएम को रखा धोखे मेंपरियोजना निदेशक सभी कर्मी तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्तदरभंगा : डीएम कुमार रवि ने जिला बाल श्रमिक परियोजना समिति के परियोजना निदेशक सहित सभी कर्मियों को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया है. साथ ही निर्देश दिया है कि अपने-अपने जिम्मे का संपूर्ण प्रभार […]
जिला बाल श्रमिक परियोजना समिति ने डीएम को रखा धोखे मेंपरियोजना निदेशक सभी कर्मी तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्तदरभंगा : डीएम कुमार रवि ने जिला बाल श्रमिक परियोजना समिति के परियोजना निदेशक सहित सभी कर्मियों को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया है. साथ ही निर्देश दिया है कि अपने-अपने जिम्मे का संपूर्ण प्रभार दरभंगा श्रम अधीक्षक को सौंप देंे. इन विद्यालयों का संचालन बाद में श्रम विभाग के द्वारा किया जायेगा. यह निर्णय इस परियोजना में गंभीर अनियमितता पाये जाने पर डीएम ने लिया है. ज्ञात हो कि 9-14 वर्ष के बाल श्रमिकों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इन विद्यालयों का निर्देश 2007 में दिया गया था. विभागीय निर्देश के आलोक में वर्ष 2010-11 में इन विद्यालयों का संचालन बंद कर दिया गया था, जो आजतक बंद है. बावजूद इसके कार्यरत कर्मी मानदेय उठा रहे हैं. इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए डीएम ने इसे बंद करने का निर्देश दिया है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रशासन ने बताया है कि अक्टूबर 2012 में राष्ट्रीय श्रम संस्थान नई दिल्ली के वीवी गिरि ने सभी बाल श्रमिक परियोजना के निदेशक एवं लेखा लिपिकों की बैठक बुलायी थी. जिसमें दरभंगा परियोजना निदेशक सुमन कुमार को स्पष्ट निर्देश दिया था कि यदि दरभंगा में एनसीएलपी कार्यरत नहीं है, तो संपूर्ण राशि मंत्रालय को वापस कर दिया जाय. लेकिन वस्तु स्थिति से जिला प्रशासन को अवगत नहीं कराकर निदेशक व कर्मी बिना काम के मानदेय का भुगतान लेते रहे. इस गंभीर स्थिति पर दरभंगा प्रमंडल के उपश्रमायुक्त ने वस्तु स्थिति की जानकारी डीएम को देते हुए विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों व अधिकारियों के मानदेय पर रोक लगाने का मंतव्य दिया था. इस आलोक में यह कार्रवाई की गयी.