त्योहार आते ही बाजार में आकर्षक राखी की मची धूम
दरभंगा : बहना ने भाई के कलाई पे प्यार बांधा हैं, रेशम की डोरी से संसार बांधा है.. रंग-बिरंगे राखी ले के आई बहना.. जैसे कई राखी के गीत इन दिनों बाजार में गुंजने लगे हैं. दुकान में रंग-बिरंगी राखी सज गयी है. दस रुपये से लेकर पांच सौ तक की राखी बाजार में मौजूद […]
दरभंगा : बहना ने भाई के कलाई पे प्यार बांधा हैं, रेशम की डोरी से संसार बांधा है.. रंग-बिरंगे राखी ले के आई बहना.. जैसे कई राखी के गीत इन दिनों बाजार में गुंजने लगे हैं. दुकान में रंग-बिरंगी राखी सज गयी है. दस रुपये से लेकर पांच सौ तक की राखी बाजार में मौजूद है.
ज्यों-ज्यों रक्षा बंधन का त्योहार नजदीक आते जा रहा है, राखी को लेकर उत्सुकता बढ़ने लगी है. खरीदारी के लिए दुकानों में बहनों की भीड़ उमड़ने लगी है. इस बार बाजार में श्री राखी की काफी धूम है. बेहतर क्वालिटी के रेशमी धागा होने के कारण बाजार में इसकी मांग अधिक है. जानकारों के अनुसार दरभ्ांगा में लगभग पच्चीस लाख का राखी कारोबार होता है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में राखी की धूम होने लगी है.
डाक घर से भी भेजे जाने लगी राखी
अपने से दूर में रहने वाले भाई को बहन राखी भेजने लगी है. एक सप्ताह से भी कम समय होने के कारण देश-विदेश में रहने वाले भाई को राखी भेजने की प्रक्रिया अंतिम चरण में आ गयी है. सोमवार को दरभंगा प्रधान डाक घर से कई बहनें अपने भाई को राखी भेजी है.
दरभंगा की रहने वाली संध्या कहती है कि दिल्ली में रहकर भाई श्रवण चार वर्षो से पढ़ाई कर रहा है. घर से दूर रहने के बावजूद प्रत्येक वर्ष वे राखी भेजना नही भूलती है. वह कहती है कि आखिर हम अपने भाई की कलाई कैसे सुना रहने दें? बहन जिंदा है तो भाई की कलाई पर राखी बंध कर चमकती रहेगी.
समय पर राखी पहुंचाने को डाक विभाग चुस्त
राखी को समय पर पहुंचाने के लिए डाक विभाग चुस्त और दुरुस्त है. दरभंगा प्रधान डाक घर के पोस्टमास्टर महेन्द्र राम कहते हैं कि पर्व के 24 घंटे पहले तक हर हाल में राखी गन्तव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस बार भी डाक विभाग राखी के लिए वाटर प्रुफ लिफाफा रखा है. स्पेशल दो काउन्टर खुली है.
मुसलिम बहना भी खरीद रहीं राखियां
दरभंगा गुदरी बाजार प्रवेश करने के दौरान प्रारंभ में जावेद का दुकान है. दुकानदार कहता है कि मुसलिम बहना भी राखियों की खरीदारी करती है. कॉलेज की लड़कियों के साथ ही मुसलिम लड़कियां भी राखी खरीद रही है.
दुकानदार के अनुसार लगभग पांच प्रतिशत मुसलिम लड़कियां राखी की खरीदारी करती है. एक मुसलिम लड़की परवीन कहती है कि रक्षा बंधन सबसे बड़ा पर्व है. भाई और बहन के रिश्ते का यह पर्व काफी मजबूती प्रदान करता है. यह किसी धर्म या मजहब से नहीं बल्कि भाई बहन से जुड़ा पर्व है.