हल्की बारिश में ही डूबीं सड़कें
दरभंगा : ‘मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की’ वाली कहावत दरभंगा शहर के रहम खां, फैजुल्लाह खां, पुरानी मुंसफी सहित कई मुहल्लों पर चरितार्थ हो रही है. अल्पसंख्यक बिरादरी का सर्वाधिक पुराना और प्रतिष्ठित मुहल्ला कहलाने वाला फैजुल्लाह खां की स्थिति अब यह हो गयी है कि हल्की बारिश के बाद भी सड़कों पर एक-डेढ़ […]
दरभंगा : ‘मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की’ वाली कहावत दरभंगा शहर के रहम खां, फैजुल्लाह खां, पुरानी मुंसफी सहित कई मुहल्लों पर चरितार्थ हो रही है. अल्पसंख्यक बिरादरी का सर्वाधिक पुराना और प्रतिष्ठित मुहल्ला कहलाने वाला फैजुल्लाह खां की स्थिति अब यह हो गयी है कि हल्की बारिश के बाद भी सड़कों पर एक-डेढ़ फीट पानी लग जाता है.
यह पानी कितने दिनों बाद वहां से हटेगा, इसपर निगम के अधिकारी भी कुछ बोलने से परहेज करते हैं. बुधवार की सुबह हुई बारिश के बाद फैजुल्लाह खां सहित आसपास के पुरानी मंसफी, रहमखां, में भी जलजमाव से स्थिति नारकीय हो गयी है. फैजुल्लाह खां, रहम खां, पुरानी मुंसफी का पानी खान चौक से पहले के डबरा में गिरता था. खान चौक कब्रिस्तान होते हुए डीएमसीएच के टीबीडीसी वार्ड के बगल से यह निकलता था. हाल के सात-आठ सालों में खान चौक से पूरब कब्रिस्तान के आगे की खाली पड़ी जमीन को खरीदकर लोगों ने जैसे-तैसे मकान बना लिया.
इस नये मुहल्ले को लोग बैंकर्स कॉलोनी के नाम से जानते हैं. बैंकर्स कॉलोनी के कारण इन मुहल्लों की जलनिकासी प्रभावित हो गयी. गत वर्ष जलजमाव के कारण खान चौक से पश्चिमी भाग के मुहल्लों में लगातार जलजमाव के बाद मुहल्लावासियों के आक्रोश को देखते हुए जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन ने कब्रिस्तान की दीवार तोड़कर सड़क के किनारे से नाला निर्माण कराया और सरकारी राशि से पुन: चहारदीवारी बनाया गया. इसपर लगभग साठ लाख से अधिक रुपये व्यय हुए लेकिन इसके बावजूद इन मुहल्लावासियों को जलजमाव से निजात नहीं मिली. पिछले वित्तीय वर्ष में नगर निगम प्रशासन ने तेरहवीं वित्त की करीब 46 लाख की लागत से रहमखां से खान चौक तक नाला निर्माण की स्वीकृति दी. इसके लिए कार्य भी प्रारंभ हो चुका है.
अब लोगों की निगाहें उस नाला के पूरा होने पर लगी है. ज्ञात हो कि पानी के बहाव के लिए जितने भी उस क्षेत्र के डबरा एवं तालाब थे, जल माफियाओं ने उस सबको भरकर जैसे-तैसे भवन निर्माण कर लिया. इस सिलसिले में न तो जलनिकासी की व्यवस्था की गयी न ही नाला के लिए जमीन छोड़ा गया.
करीब दो माह पूर्व खान चौक के निकट डबरा भरे जाने के सिलसिले में भी विवाद उठा था. निगम प्रशासन ने नाला की जमीन चिन्हित कर उसके बाद ही मिट्टी भरने का निर्देश दिया था. लेकिन रातोंरात कुछ ही दिनों में वह पूरा डबरा भरकर वर्तमान में उसपर झोपड़ी भी खड़ा कर दिया गया है. इसके कारण इन तीन मुहल्लों की जलनिकासी प्रभावित हो गयी है.