डेंगू के बढ़ते आतंक से सहमे हैं शहरवासी
दरभंगा : जब से डेंगू की भयावहता बढ़ी है तब से इस मच्छर को लेकर लोगों में इतना भय है कि जैसे ही मच्छर को देखता है उससे सतर्क हो जाता है. उसकी पहली इच्छा यही रहती है कि कोई मच्छर उसे काट ने लें और डेंगू से पीड़ित न हो जाये. एक वन अधिकारी […]
दरभंगा : जब से डेंगू की भयावहता बढ़ी है तब से इस मच्छर को लेकर लोगों में इतना भय है कि जैसे ही मच्छर को देखता है उससे सतर्क हो जाता है.
उसकी पहली इच्छा यही रहती है कि कोई मच्छर उसे काट ने लें और डेंगू से पीड़ित न हो जाये. एक वन अधिकारी ने बताया कि अपने सेवाकाल में उन्हें कई हिंसक पशुओं का सामना हुआ,
एक दो बार तो उन्हें विषैले सर्प ने भी काट लिया. मृत्यु के अंतिम क्षणों में पराजित किया, लेकिन जैसे ही मच्छर की बात आती है तो वे सहम जाते हैं.
उन्हें डेंगू सहित अन्य विषैले मच्छर से इतना डर लगता है कि एक मच्छर काट ले तो ठीक से सो नहीं पाते हैं. यही हाल शहरवासियों की होने लगी है. खासकर जब से डेंगू का प्रकोप बढ़ने लगा है.
मच्छर अगरबत्ती से बीतती है लोगों की रात
डेंगू मच्छर से बचाव के लिए मच्छर भगानेवाले अगरबत्ती, इलेक्ट्रीक मशीन, क्वाइल आदि से बचाव में रात कटती है. दिन में भी मच्छर से बचाव के लिए अलर्ट पर रहते हैं.
अपने आस पास मच्छर का आभास होते ही सबसे पहले उससे दूर भागने की मानसिकता देखी जा रही है. शहर के जल जमाव वाले क्षेत्र के नालों व गड्ढों के आसपास रहनेवाले लोगों में भय का माहौल है.
छात्रों की साथी बन गयी है स्प्रे मशीन
शहर में हॉस्टल-लॉज में रहनेवाले छात्र-छात्राओं की पीड़ा भी कम नहीं है. उनके टेबुल पर मच्छर भगाने वाले स्प्रे निश्चित रूप से देखा जा सकता है. उनके मां-पिता भी उन्हें सख्त हिदायत रखा है कि एक भी मच्छर उन्हें नहीं काटे.
इसका पुख्ता इंतजाम करने को कहा है. मच्छरदानी में नींद आये तो टेबुल-कुर्सी के इस्तेमाल करने के समय स्प्रे मशीन आदि का इस्तेमाल करने को कहा है.
मच्छर मारने को टूट पड़ते हैं बच्चे
कमरा में जैसे ही बच्चों को मच्छर दिख जाता है. बच्चे उसे मारने पर अामादा हो जाते हैं. यह स्थिति प्राय: हर घरों में देखा जा सकता है.
जैसे ही कोई मच्छर ऊड़ता या बैठा हुआ दिखता है वैसे ही उस मच्छर को मारे बगैर उसे चैन नहीं मिलता. बच्चों के लिए उस समय डेंगू का मच्छर एक नंबर दुश्मन बना हुआ है.