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शक्षिक अभाव वाले कॉलेजों में कैसे होगी पीजी की पढ़ाई

शिक्षक अभाव वाले कॉलेजों में कैसे होगी पीजी की पढ़ाई विवि के 7 कॉलेजों में होती है पीजी की पढ़ाईआरके कॉलेज के हिंदी व अर्थशास्त्र में एक भी शिक्षक नहीं फोटो- कृपया विवि का लोगो लगा दें…दरभंगा. लनामिवि के पीजी विभागों सहित पीजी अध्ययन वाले कॉलेजों में नामांकन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर निर्धारित कर […]

शिक्षक अभाव वाले कॉलेजों में कैसे होगी पीजी की पढ़ाई विवि के 7 कॉलेजों में होती है पीजी की पढ़ाईआरके कॉलेज के हिंदी व अर्थशास्त्र में एक भी शिक्षक नहीं फोटो- कृपया विवि का लोगो लगा दें…दरभंगा. लनामिवि के पीजी विभागों सहित पीजी अध्ययन वाले कॉलेजों में नामांकन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर निर्धारित कर दी गयी है. वहीं इन कॉलेजों सहित विवि विभागों में पीजी का वर्ग संचालन भी शीघ्र ही शुरू होने की संभावना है. पीजी की पढ़ाई की पढ़ाई कर रहे वैसे कॉलेजों में जहां शिक्षकों का सर्वथा अभाव है. पीजी पढ़ाई की गुणवत्ता का क्या होगा. कई क ॉलेज तो ऐसे जहां किसी किसी विभाग में एक भी शिक्षक नहीं है. फिर भी इंटरमीडिएट से लेकर पीजी तक नामांकन, परीक्षा व नामांकित छात्र पास होते हैं. वास्तव में ऐसे कॉलेज डिग्री देने का मात्र एक माध्यम बन कर रह गयी है. वहीं पढ़ाई की औपचारिकता2 ही तो पूरी की जा रही है. उल्लेखनीय है कि लनामिवि के 7 कॉलेजो विभिन्न विषयों में पीजी पढ़ाई की व्यवस्था है. विवि मुख्यालय के तीन कॉलेज में पीजी पढ़ाई होती है. जिसमें एमआरएम कॉलेज दरभंगा में भौतिकी, रसायन, प्राणिशास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, हिंदी विषयों में पीजी स्तर तक पढ़ाई की व्यवस्था है. उक्त विषयों में इंटरमीडिएट से लेकर पीजी स्तर तक पढ़ाने के लिए एक-एक शिक्षक है. वहीं रसायन शास्त्र विभाग दिसंबर के बाद शिक्षक विहीन होनेवाला है. जबकि इस कॉलेज मेंे वनस्पति में 3, अंग्रेजी में 2 शिक्षक के सहारे पीजी तक की पढ़ाई की जाती है. स्थानीय सीएम साइंस कॉलेज में भौतिकी में 6, रसायन में 11, गणित में 2, प्राणि विज्ञान में 8 व वनस्पति में 7 शिक्षक के सहारे इंटरमीडिएट से पीजी तक की पढ़ाई होती है. वहीं सीएम कॉलेज दरभंगा में वाणिज्य में 8, अंग्रेजी में 5, हिंदी में 3, उर्दू मंे 3, गणित में 1, इतिहास में 3, अर्थशास्त्र में 4, राजनीति विज्ञान में 1, समाजशास्त्र में 4 एवं मनोविज्ञान मेें 3 शिक्षकों के सहारे पीजी तक की पढ़ाई हो रही है. इसी तरह जीडी कॉलेज बेगूसराय में उर्दू, संस्कृत, प्राणिशास्त्र, वनस्पति शास्त्र में एक एक शिक्षक हैं. वहीं हिंदी में 3, अंग्रेजी में 2, इतिहास में 3, प्रचीन भारतीय इतिहास में 3, राजनीति विज्ञान में 2, वाणिज्य में 2, भौतिकी में 4 व रसायन में 4 शिक्षक है और पीजी तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. इस कॉलेज में तो गणित विभाग शिक्षक विहीन बना है. फिर भी छात्रों का नामांकन व रिजल्ट हो रहा है. लनामिवि का प्रतिष्ठित कॉलेज आरके कॉलेज मधुबनी, जहां का अर्थशास्त्र व हिंदी विभाग में एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है. पढ़ाई के स्तर का अंदाजा स्वत: चल जाता है. इस कॉलेज में मैथिली, गणित, इतिहास, मनोविज्ञान विषय में पीजी की पढ़ाई तो है पर शिक्षकों की संख्या मात्र एक. इसमें भी इतिहास में दिसंबर माह के बाद एक भी शिक्षक नहीं होंगे. वहीं अंग्र्रेजी में 2, राजनीति विज्ञान मेें 3, वाणिज्य में 2, प्राणिशास्त्र में 2, रसायन मं 7, भौतिकी में 2, वनस्पति मेें 3 शिक्षक हैं. बताया जाता है कि उक्त कॉलेज में वाणिज्य में 390 छात्र एक सेमेस्टर मेंे नामांकित है. फिर दो शिक्षकों से कैसे पढ़ाइै होती है. वहीं समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में भौतिकी, राजनीतिविज्ञान, हिंदी, मनोविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र में मात्र एक एक शिक्षक हैं. जबकि रसायन, गणित व अंग्रेजी में दो दो तथा वनस्पति में 3 एवं प्राणिशास्त्र में 4 शिक्षक हैं. आरबी कॉलेज दलसिंहसराय में राजनीतिविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र व मनोविज्ञान में एक-एक शिक्षक के सहारे पीजी स्तर तक पढ़ाई हो रही है.

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