कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ

कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ वातावरण में तैरने लगे सप्तशती के मंत्रमाता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की हुई पूजा-अर्चनाजगह-जगह निकली कलश शोभा यात्राफोटो. 32परिचय. सैदनगर में निकली कलश शोभा यात्रा.प्रतिनिधि, दरभंगा: शक्ति उपासक मिथिला क्षेत्रवासी भगवती की आराधना में लीन हो गये. मंगलवार को कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र विधिवत आरंभ हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 7:41 PM

कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ वातावरण में तैरने लगे सप्तशती के मंत्रमाता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की हुई पूजा-अर्चनाजगह-जगह निकली कलश शोभा यात्राफोटो. 32परिचय. सैदनगर में निकली कलश शोभा यात्रा.प्रतिनिधि, दरभंगा: शक्ति उपासक मिथिला क्षेत्रवासी भगवती की आराधना में लीन हो गये. मंगलवार को कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र विधिवत आरंभ हो गया. शास्त्रीय विधि से कलश स्थापित कर माता दुर्गा की पूजा-अर्चना का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर जगह-जगह कलश शोभा यात्रा भी निकाली गयी. वातावरण में दुर्गा सप्तशती के मंत्र तैरने लगे. श्रद्धालुओं ने भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया. शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा के पूजन के लिए सुबह से चहल-पहल नजर आनी शुरू हो गयी. घरों से लेकर भगवती मंदिर व सार्वजनिक पूजा-पंडालों में भक्तगण इसकी तैयारी में व्यस्त बने रहे. शुभ मुहूर्त में शास्त्रीय विधान के अनुरूप विधिवत पूजन कर मंगल कलश स्थापित किया गया. शहर के श्यामा मंदिर, म्लेच्छ मर्दिनी, कंकाली, सैदनगर स्थित काली मंदिर के साथ ही अन्य भगवती मंदिरों में यह अुष्ठान आरंभ हुआ. इन स्थानों पर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ लगी रही. वहीं कटहलवाड़ी, लक्ष्मीसागर, हसन चक, गणेश मंदिर चौक, केएम टैंक, दोनार, अल्लपट्टी, बेता, कादिराबाद, चूनाभट्ठी समेत दर्जनों सार्वजनिक पूजा पंडालों में भी भक्तों का जमावड़ा लगा रहा. इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ हुआ. पूजा-पंडालों से ध्वनि विस्तारक यंत्र तथा घरों से मंत्र के ध्वनि वातावरण में तैरने लगे. इधर पहले दिन माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की गयी. वहीं तिथि के आधार पर पंडितों ने दूसरे स्वरूप ब्रहृमचारिणी की भी पूजा की गई. इस मौके पर जगह-जगह कलश शोभा यात्रा भी निकाली गयी. सैदनगर में आकर्षक शोभा यात्रा निकाली गयी. कुं वारी कन्याआें ने सिर पर मंगल कलश रख पवित्र जल भरा. भ्रमण के पश्चात वापस अनुष्ठान स्थल पर कलश स्थापित किया. गाजे-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा से वातावरण भक्तिमय हो उठा. इधर शाम ढलते ही माता के दरबार में सांझ दिखाने के लिए महिला भक्तों का तांता लग गया. मां के चरण में श्रद्धालुओं ने घी के दीये जलाकर आशीष मांगा.

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