हमरा नई बिसरिहें गे माय…

हमरा नई बिसरिहें गे माय… मैथिली देवी गीतों से गाढ़ा हो रहा भक्ति-भाव अधिकांश पूजा समिति इस बार बजा रहे मैथिली भजन दरभंगा. ‘हमरा नई बिसरिहें गे माय…, कहिया हेतै दुर्गा पूजा कहिया बनतै मूर्ति…, जगदम्बा घर में दीयरा बारि एलहुं हे…, लाले-लाले ओरहुल के माला बनेलहुं…, जय -जय भैरवि…, जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर हे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2015 8:38 PM

हमरा नई बिसरिहें गे माय… मैथिली देवी गीतों से गाढ़ा हो रहा भक्ति-भाव अधिकांश पूजा समिति इस बार बजा रहे मैथिली भजन दरभंगा. ‘हमरा नई बिसरिहें गे माय…, कहिया हेतै दुर्गा पूजा कहिया बनतै मूर्ति…, जगदम्बा घर में दीयरा बारि एलहुं हे…, लाले-लाले ओरहुल के माला बनेलहुं…, जय -जय भैरवि…, जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर हे माय…’ सरीखे मैथिली गीतों के बोल कानों में मिठास घोल रहे हैं. हृदय में उठ रहे भक्ति भाव को तरंगित कर रहे हैं. यूं तो प्रत्येक भाषा की अपनी तासीर होती है. गुण होते हैं. इसमें मैथिली अपनी मिठास व शालीनता के लिए विश्वविख्यात है. इस बार अधिकांश पूजा समितियों ने मैथिली भजन को तरजीह दी है. इसकी चहुंओर तारीफ हो रही है. लोग इसके लिए सार्वजनिक पूजा समिति के सदस्यों के प्रति बधाई जता रहे हैं. लोगों का कहना है कि ईश आराधना के लिए गीत भी सशक्त माध्यम है. इससे भाव प्रगाढ़ होता है. वैसे तो इस भाव भूमि के गीत किसी भी भाषा में हों, हृदय को प्रफुल्लित करते हैं लेकिन मैथिली की मिठास व इसकी शालीनता इस भाव को गाढ़ा कर रही है. उल्लेखनीय है कि हसनचक, भगत सिंह चौक, कटहलबाड़ी, संकट मोचन धाम, लक्ष्मीसागर, चूनाभट्ठी, लहेरियासराय के कई पूजा समितियों सहित विभिन्न स्थल पर इस बार मैथिली भजन विशेष रूप से बजाये जा रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version