उत्तर बिहार का पहला पेसमेकर सिटी हॉस्पिटल में शुरू

दरभंगा : उत्तर बिहार के हृदय रोगियों को पेसमेकर लगाने के लिए अब पटना नहीं जाना पड़ेगा. यह व्यवस्था सिटी हॉस्पिटल नाका 5 दरभंगा में शुरू हो गयी है. मरीज अरुण कुमार को स्थायी पेसमेकर लगाकर इस सूपर स्पेशिलिटी आरंभ हो गया है. कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. मो. इरशाद आलम ने रविवार को सिटी हॉस्पिटल में आयोजित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2015 7:27 PM

दरभंगा : उत्तर बिहार के हृदय रोगियों को पेसमेकर लगाने के लिए अब पटना नहीं जाना पड़ेगा. यह व्यवस्था सिटी हॉस्पिटल नाका 5 दरभंगा में शुरू हो गयी है. मरीज अरुण कुमार को स्थायी पेसमेकर लगाकर इस सूपर स्पेशिलिटी आरंभ हो गया है. कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. मो. इरशाद आलम ने रविवार को सिटी हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में यह बातें कही. पेसमेकर लगाने की व्यवस्था से दरभंगा के चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय जुड़ गया है.

इसके बाद यह व्यवस्था सीधे पटना में है. कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. इरशाद आलम ने बताया कि मरीज अरुण कुमार का हार्ट ब्लाक हो गया था. इसके कारण वह बेहोश हो जाया करता था.

इस मरीज को पेसमेकर नहीं लगाया जाता तो उसकी जान खतरे में थी. मरीज की धड़कन चालू रखने के लिए पांव के नस के माध्यम से एक इलेक्ट्रिक वायर हृदय तक पहुंचाकर इसे मशीन से जोड़ा गया. तत्काल इस विधि से मरीज को अस्थाई पेसमेकर लगाया गया. मरीज का धड़कन ठीक काम करना शुरु कर दिया. स्थायी पेसमेकर लगाने के लिए मरीज को दो दिन बाद यहां बुलाया गया. मरीज को स्थायी पेसमेकर लगाने के लिए मशीन व कैथ लैब का सहारा लिया गया.

डा. इरशाद ने बताया कि स्थायी पेसमेकर चेस्ट बोन के नीचे लगाया जाता है और वहां से नस के माध्यम से हॉर्ट तक पहंुचाया जाता है. ऐसा मशीन लगाने के लिए करीब दो घंटा का समय लगता है.

यह मशीन मरीजोंं के जीवन पर्यन्त रहता है. इससे मरीजों को कोई परेशानी नहीं होती है. इस अवसर पर सिटी हॉस्पिटल के निदेशक डा. इरशाद आलम सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे. हृदय रोग के कारणसरसों तेल, अशुद्ध पेयजल और मायोकार्डियल इंफेक्शन से यह रोग होता है.लक्षणमरीज को चक्कर आना, कमजोरी, बेहोशी और उल्टी आना इस रोग के प्रमुख लक्षण है.

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