जगजाहिर हो गयी महागंठबंधन की अवसरवादिता: रविशंकर

जगजाहिर हो गयी महागंठबंधन की अवसरवादिता: रविशंकर बतायें लालू-नीतीश, क्यों नहीं कर रहे सोनिया-राहुल का मंच साझानरेंद्र मोदी को रोकने की विरोधी कर रहे कोशिशटो. 1परिचय. संवाददाता सम्मेलन बोलते दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद.दरभंगा. भाजपा नेता व केंद्रीय दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महागंठबंधन का वजूद ही अवसरवाद पर आधारित है. इनकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 6:46 PM

जगजाहिर हो गयी महागंठबंधन की अवसरवादिता: रविशंकर बतायें लालू-नीतीश, क्यों नहीं कर रहे सोनिया-राहुल का मंच साझानरेंद्र मोदी को रोकने की विरोधी कर रहे कोशिशटो. 1परिचय. संवाददाता सम्मेलन बोलते दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद.दरभंगा. भाजपा नेता व केंद्रीय दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महागंठबंधन का वजूद ही अवसरवाद पर आधारित है. इनकी अवसरवादिता अब सार्वजनिक हो गयी है. राजग के सभी घटक दल के नेता एक मंच पर नजर आते हैं, लेकिन महागंठबंधन में ऐसा नहीं दिखता. सोमवार को दोनार स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में लालू प्रसाद व नीतीश कुमार से सीधा सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि वे बतायें कि वे दोनाें क्यों कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी व राहुल गांधी के साथ एक मंच पर नजर नहीं आते. क्यों कांग्रेस नेताओं के साथ मंच साझा नहीं करते. दरअसल यह गंठबंधन अवसरवादियों का है, जो जगजाहिर हो गया है. बस इस नाम पर वोटरों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसका लाभ इनलोगों को नहीं मिलेगा. जनता ने मन बना लिया है. इस बार अपार बहुमत के साथ प्रदेश में भी राजग की सरकार बनेगी.श्री प्रसाद ने कहा कि चुनावी सभाओं में कहीं भी महागंठबंधन का विकास का कोई खांका नजर नहीं आता. विकास की योजना तो प्रधानमंत्री ने बना रखी है. वे बिहार को आगे ले जाना चाहते हैं. अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह बिहार को भी प्रगति के पथ पर तेज गति से बढ़ाना चाहते हैं, जबकि ये लोग (लालू-नीतीश) श्री मोदी के पीछे पड़े हैं. इन्हें क्षेत्र के विकास से कोई लेना-देना ही नहीं है. आजादी के बाद करीब 40-45 वर्षों तक कांग्रेस ने यहां राज किया. इसके बाद 15 साल तक राजद का शासन रहा. इस बार भाजपा के पक्ष में आंधी चल रही है. जनता अवसर दे रही है, निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात की तरह यहां भी विकास की गंगा बहेगी.

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