साहब आब तऽ पूरा गाम ठीक भऽ गेल मुदा…..
साहब आब तऽ पूरा गाम ठीक भऽ गेल मुदा….. \\\\टं३३ी१त्र/रघंटो समीक्षा कर प्रत्याशी ले रहे क्षेत्र की जानकारीसुबह 7 बजे से जुटने लगते हैं कार्यकर्त्तादरभंगा : ‘साहब यौ, आब तऽ गाम ठीक भऽ गेल, मुदा गुलशन आ राजा के कने बुझा दिओन, ओ अपना सभक विरोध मंे काज कऽ रहल छथि’. क्षेत्र भ्रमण के बाद […]
साहब आब तऽ पूरा गाम ठीक भऽ गेल मुदा….. \\\\टं३३ी१त्र/रघंटो समीक्षा कर प्रत्याशी ले रहे क्षेत्र की जानकारीसुबह 7 बजे से जुटने लगते हैं कार्यकर्त्तादरभंगा : ‘साहब यौ, आब तऽ गाम ठीक भऽ गेल, मुदा गुलशन आ राजा के कने बुझा दिओन, ओ अपना सभक विरोध मंे काज कऽ रहल छथि’. क्षेत्र भ्रमण के बाद वर्त्तमान स्थिति के संदर्भ में प्रतिदिन सुबह साहब के यहां कार्यकर्त्ता यह बात रखते हैं. सुबह सबेरे कार्यकर्त्ताआंे की फौज सहब के दरबार मंे चल रही बैठक में पहुंचकर अपनी समस्या सुना रहें हैं. साहब ने बात सुनी और कहा ‘आबो तक ओ ठीक नहि भेल’, चिंता नहि करु, हम आबि कऽ ओकरा से गप करब. यह बातेंे यूं तो सामान्य सी लगती है, लेकिन है सच्चाई. चुनावी समर में लगातार पंाचवीं बार किस्मत आजमा रहे साहब क्षेत्र के कार्यकर्त्ताओं से गहन समीक्षा हो रही है. प्रतिदिन सुबह 7 बजे से लोग जुटने शुरु हो जाते हैं. करीब 9 बजे साहब कार्यकर्त्ताओं से रुबरु होकर लगभग तीन घंटे तक स्थिति की समीक्षा करते हैं और आवश्यक फेर बदल कर सबों को पुन: क्षेत्र में भेजकर खुद नहा धोक र क्षेत्र के लिए काफिला के साथ रवाना होते हैं.बदल गयी है दिनचर्यानेता जी अब दिन के 10 बजे तक नहीं सोते. चुनावी तपिश में उनकी नींद गायब हो गयी है. बदले माहौल में अपने प्रिय को जीतने के लिए उन्होंने पसीना बहाना शुरु कर दिया है. चुनाव ने उनकी दिनचर्या बदल कर रख दी है. सुबह 10 बजे तक सोने वाले नेता जी आज कल सुबह 8 बजे ही बैठक खाना में पहुंचने लगे हैं. समीक्षा और क्षेत्र के लोगांे से मिलकर वे चुनाव में बाधक बने हर रोड़ा को साफ करने में लगे हैं. उनकी बदली दिनचर्या देख कर उनको जानने वाले कहते हैं कि साहब तो बहुत बदल गये हैं.मैडम के जिम्मे हैं चाय-पानी की व्यवस्थासाहब के मैडम का जिम्मा है हर आगंतुकों के चाय-नाश्ता का ख्याल रखना. मैडम साहब से पहले उठकर आनेवाले आगंतुकों के स्वागत की व्यवस्था में जुट गयी है. चाय-पानी और नाश्ता के लिए कर्मचारी तैनात है, उन्हें ऑन करना और आवश्यक सामानों की उपलब्धता आदि की व्यवस्था उनके जिम्मे है. नाश्ता के बाद कार्यकर्त्ताओं के भोजनादि का भी इंतजाम इनके ही जिम्मे है. यूं तो सुबह 10 बजे के बाद आने वाले आगंतुक को भोजन कराकर भेजने का स्पष्ट निर्देश साहब का है.