बिहार को नहीं बनने देंगे आतंकवाद का केंद्र : पीएम

विनोद कुमार गिरि पीएम बोले. आतंकियों के समर्थनवाली सरकार को हराना है हमने वीडियो दिखा दिया, तो चुप हुए बड़े-छोटे भाई दरभंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दरभंगा व बिहार की धरती को आतंकवाद का केंद्र नहीं बनने देंगे. आतंकियों का समर्थन करनेवालों को इस बार यहां की जनता समर्थन नहीं करनेवाली है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 6:41 AM
विनोद कुमार गिरि
पीएम बोले. आतंकियों के समर्थनवाली सरकार को हराना है
हमने वीडियो दिखा दिया, तो चुप हुए बड़े-छोटे भाई
दरभंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दरभंगा व बिहार की धरती को आतंकवाद का केंद्र नहीं बनने देंगे. आतंकियों का समर्थन करनेवालों को इस बार यहां की जनता समर्थन नहीं करनेवाली है. पुणे व मुंबई में धमाके हुए. इसके बाद देश में दरभंगा मॉड्यूल की चर्चा हुई. खुफिया व पुलिस के अधिकारी इसकी तह में गये. पता चला इसका तार दरभंगा के वरिष्ठ नेता से जुड़ा हुआ है.
दरभंगा में पदस्थापित एक दलित आइपीएस अधिकारी, जब उस नेता के गिरेबान तक पहुंची, तो दिल्ली और पटना में बैठे उससमय के नेताओं ने उस अधिकारी न सिर्फ दरभंगा से हटा दिया, बल्कि उसे बिहार से भगा दिया गया. दरभंगा में बैठ कर आतंक का संचालन करनेवाले नेता को कुछ नहीं हुआ. श्री मोदी सोमवार को दरभंगा के राज मैदान में विधानसभा चुनाव के 5वें व अंतिम चरण की अपनी आखिरी चुनाव सभा को संबोधित कर रहे थे.
लालू ने बीपीएससी से मैथिली को हटाया
श्री मोदी ने कहा कि बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार ने 1990 में बीपीएससी से मैथिली को हटा दिया, जब केंद्र में अटल जी की सरकार बनी, तो उन्होंने न सिर्फ मैथिली भाषा को यूपीएससी की परीक्षा में शामिल किया, बल्कि संविधान की 8वीं सूची में शामिल कर मिथिलांचल को सम्मानित करने का काम किया. 50 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार व सोनिया गांधी पर जमकर प्रहार किया. भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने चुनाव से पहले विकास को मुद्दा बनाया. लोकसभा चुनाव में भी हमने विकास को मुद्दा बनाया था.
इस पर चर्चा शुरू की, लेकिन वे लोग विकास पर चर्चा करने से भागने लगे. अपने साठ साल की उपलिब्धयों को बताने के बजाय मोदी से पंद्रह महीने का हिसाब पूछने लगे. जंगलराज पर चर्चा नहीं की. सिर्फ मोदी को गाली देने लगे. मोदी को गाली देने के लिए डिक्शनरी से शब्द खोजे जाने लगे. विकास के मुद्दे से लोगों को भटकाने की कोशिश की गयी. जात-पात व आरक्षण का राग अलापने लगे. मेरा भी नाम मोदी है. मोदी. हमने लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार के उस वीडियो को जारी कर दिया, जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही थी. इसके बाद तो उनकी बोलती ही बंद हो गयी. अब वे आरक्षण व जात-पात की बात नहीं करते.
चुनाव में मंच में नहीं आये, तो बाद में कैसे आयेंगे
श्री मोदी ने लालू, नीतीश एवं कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि दो महीने के चुनाव में नीतीश कुमार, लालू प्रसाद एवं सोनिया गांधी ने एक साथ मंच साझा नहीं किया. इसका मतलब साफ है. तीनों में अविश्वास है, जब चुनाव में एक मंच पर नहीं आये, तो चुनाव बाद कैसे आयेंगे. उन्होंने कहा कि एक बात अब तक लोगों के सामने नहीं आयी है. हर चरण में बारह से पंद्रह बूथों पर राजद एवं जदयू के कार्यकर्ता आपस में भिड़े. एक दूसरे के बीच तू-तू मैं मैं हुई. एक दूसरे को देख लेने तक की धमकी दी गयी.आखिर यह क्या है. क्या तीनों में मेल है. नहीं.
मैथिली में किया लोगों का अभिवादन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच पर पहुंचते ही लोगों का अभिवादन मैथिली में किया. कहा- दरभंगा के ई पावर भूमि के हम नमन करयछी. बाबा कुशेश्वरनाथ के ई धरती पर हम आई गौरवान्वित महसूस कअ रहल छी. मिथिला की महत्ता पर उन्होंने कहा – पग पग पोखिर माछ मखान, सरस बोल मुसकी मुख पान, विद्या वैभव शांतिक प्रतीक, ललितनगर ई मिथिला थीक.
सभा को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, सांसद हुकुमदेव नारायण यादव, राम कुमार शर्मा समेत अन्य मौजूद थे. अध्यक्षता सांसद कीर्ति झा आजाद ने की. धन्यवाद ज्ञापन पूनम आजाद ने किया.

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