जीतने में कामयाब रहे गामी
दरभंगा : विधायक अमरनाथ गामी ने अपनी सीट बरकार रखी है. वे दूसरी बार हायाघाट से चुनकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे. इस बार उन्होंने काफी अंतर से लोजपा प्रत्याशी को पछाड़ा है. पहली बार 2010 में अमरनाथ गामी हायाघाट से भाजपा के टिकट पर जीते थे. जीतने करीब दो साल बाद ही उनका शीर्ष […]
दरभंगा : विधायक अमरनाथ गामी ने अपनी सीट बरकार रखी है. वे दूसरी बार हायाघाट से चुनकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे. इस बार उन्होंने काफी अंतर से लोजपा प्रत्याशी को पछाड़ा है. पहली बार 2010 में अमरनाथ गामी हायाघाट से भाजपा के टिकट पर जीते थे. जीतने करीब दो साल बाद ही उनका शीर्ष नेतृत्व से संबंध खराब हो गया.
वे भाजपा नेता सुशील मोदी की खुलकर खिलाफत करने लगे. पार्टी की ओर से उन्हें कई बार अल्टीमेटम भी दिया गया परंतु अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले गामी ने कभी भी नेतृत्व को तवज्जो नहीं दी. वे अपने क्षेत्र के विकास में निरंतर लगे रहे. चुनाव से महज कुछ ही दिन पूर्व उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी बेटी की शादी में बुलाकर साफ संकेत दे दिया कि नीतीश कुमार के साथ उनका नजदीकी संबंध है. विधान परिषद के चुनाव में भी उन्होंने महागंठबंधन प्रत्याशी का साथ दिया, हालांकि महागंठबंधन प्रत्याशी जीतने में कामयाब नहीं रहे.
अंतत : चुनाव से कुछ दिन पूर्व उन्होंने भाजपा छोड़ने की घोषणा कर दी और जदयू का दामन थाम लिया. नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले श्री गामी ने करीब 25 हजार वोटों के अंतर से अपने निकटतम प्रत्याशी लोजपा के रमेश चौधरी को पटकनी दी और चुनाव जीतने में कामयाब रहे.