दरभंगाः लोक आस्था का महापर्व छठ बुधवार से नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जाएगा. इसको लेकर घरों में तैयारियां शुरू हो गयी है. व्रतियों ने नहाय-खाय के लिए मिट्टी के चूल्हे की खरीदारी की. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में चूल्हा तैयार कर लिया गया.
मालूम हो कि नहाय-खाय का भोजन इसी चूल्हे पर व्रती तैयार करेंगी. चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. व्रती पवित्र जल से स्नान कर नये परिधान धारण कर सूर्यदेव को अघ्र्य देती हैं इसके बाद मिट्टी के नये चूल्हे पर अरबा भोजन तैयार कर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करती हैं. इस भोजन में हल्दी का उपयोग वर्जित रहता है, वहीं कद्दू की प्रधानता रहती है.
व्रतियों ने जहां शहरी क्षेत्र में चूल्हें की खरीदारी की वहीं अरबा भोजन के लिए गेहूं को धोकर सुखाया. मौसम की मेहरबानी रही कि धूप निकल जाने के कारण उन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं हुई. इसी गेहूं के आंटे से तैयार भोजन ग्रहण करेंगी. नहाय-खाय के अगले दिन व्रती दिनभर उपवास कर रात में खरना करेंगी. उसके अगले दिन रौना माई का व्रत रख अस्ताचल गामी सूर्य को अघ्र्यदान देंगी. नौ नवंबर को उदीयमान भगवान भाष्कर को अघ्र्य अर्पित कर व्रत तोड़ेंगी.