एमसीआई ने लगायी रोक, विवि ने परीक्षाफल किया जारी
एमसीआई ने लगायी रोक, विवि ने परीक्षाफल किया जारी मामला डीएमसीएच के पीजी छात्रों का रैगिंग मामले को लेकर रिजल्ट के प्रकाश पर थी पाबंदी दिल्ली से आयी टीम के सामने नहीं खुली थी छात्रों की जुबानदरभंगा . मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने दो माह पूर्व रैगिंग के मामले का पटाक्षेप नहीं होता देख […]
एमसीआई ने लगायी रोक, विवि ने परीक्षाफल किया जारी मामला डीएमसीएच के पीजी छात्रों का रैगिंग मामले को लेकर रिजल्ट के प्रकाश पर थी पाबंदी दिल्ली से आयी टीम के सामने नहीं खुली थी छात्रों की जुबानदरभंगा . मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने दो माह पूर्व रैगिंग के मामले का पटाक्षेप नहीं होता देख दरभंगा मेडिकल कॉलेज (डीएमसी) के 2014 बैच के छात्रों के परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. इस आदेश को धत्ता बताते हुए आर्यभट्ट ज्ञान विवि पटना ने 1 0 नवंबर को इस बैच के सभी छात्रों का परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया. परीक्षाफल के प्रकाशन से जहां छात्रों में खुशी है, वहीं इस पर सवाल उठ रहे हैं. एंटी रैगिंग कमेटी ने लगायी थी रोकएमसीआई की एंटी रैगिंग कमेटी ने डीएमसी में आकर रैगिंग मामलों की जांच की थी. जांच के बाद टीम ने वर्ष 2014 बैच के छात्रों के परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक लगाने का आदेश दो माह पहले दिया था. टीम ने सभी छात्रों से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान रैगिंग में शामिल छात्रों का नाम बताने को कहा. पर एक भी छात्र की जुबान नहीं खुली. इस पर टीम ने 8 सितंबर को परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक लगाने का निर्देश आर्यभट्ट विवि के कुलपति को दिया. जारी निर्देश में कहा गया कि एमसीआई के अगले निर्देश तक इस बैच के सभी परीक्षार्थियों के परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक रहेगी. विवि के आदेश का हुआ तामिलाइस बैच के छात्रों के परीक्षाफल के प्रकाशन के आदेश के बाद डीएससी के प्राचार्य डा. आरके सिन्हा ने पास सभी 55 छात्रों को वार्ड सेमेस्टर एमबीबीएस में प्रमोटेड करने का आदेश जारी कर दिया. आदेश के तहत छात्र 26 नवंबर से नये क्लास में पठन पाठन शुरु करेंगे.19 छात्र हुए फेलविवि की ओर से प्रकाशित परीक्षाफल में 19 छात्र पास नहीं हो सके. ज्ञातत्व हो कि इस बैच के 74 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे. इसमें 55 उत्तीर्ण हुए. जबकि वर्ग में उपस्थिति के अभाव में पहले ही 20 छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिया गया था.निर्दोष छात्र भी फंस गये रैगिंग और प्राचार्य के आदेश पर हुई तोड़फोड़ के मामले में कई निर्दोष छात्र फंस गये. रैगिंग में लगभग आधा दर्जन छात्रों की संलिप्तता की बात सामने आयी थी. लेकिन नहीं खुलने की वजह से मामले को लेकर एमसीआई ने सभी छात्र छात्राओं को दोषी करार देते हुए रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था. एमसीआई की टीम ने सभी छात्रों से गहन पूछताछ की थी. जुलाई में हुई थी सैद्धांतिक परीक्षा 2014 बैच के छात्रों की सैद्धांतिक परीक्षा जुुलाई माह में हुई थी. वहीं क्लिीनिकल व मौखिक परीक्षा प्राचार्य के आवास पर तोड़फोड़ तथा रैगिंग की घटना के बाद ली गयी थी.यह था मामला ईस्ट हॉस्टल में 2014 बैच के कई छात्रों ने 2015 नये बैच के छात्रों के साथ रैगिंग किया था. पीडि़त छात्रों ने 6 अगस्त की रात प्राचार्य को इसकी सूचना दी. सूचना पर पहुंचे प्राचार्य ने घटनास्थल पर आकर कई वरीय छात्रों को वहां उपस्थित देखा. घटना स्थल पर ही प्राचार्य ने छात्रों को अगले दिन कार्यालय में आने का आदेश देकर वापस लौट गये. इसके उपरांत उसी दिन देर रात प्राचार्य के आवास पर छात्रों की ओर से तोड़फोड़ की गयी व उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश भी की गयी.बोले प्राचार्यपूर्व में एमसीआई की ओर से ऐसे छात्रों के परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक लगाने का आदेश की कॉपी महाविद्यालय को भेजी गयी थी. लेकिन इस परीक्षाफल के प्रकाशन से संबंधित आदेश की कॉपी अभी तक नहीं मिली है. ऐसे में विवि के आदेश का पालन करते हुए नये सेमेस्टर में पास छात्रों को प्रमोट कर दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि एमसीआई ने उन्हें 1 दिसंबर को नई दिल्ली बुलाया है.डा.आर के सिन्हाप्राचार्य, डीएमसी