गणित शक्षिण के आसान तरीके पर चर्चा
गणित शिक्षण के आसान तरीके पर चर्चा प्रशिक्षु शिक्षार्थी का लैब स्कूलों का मूल्यांकन आजकमाल प्रशिक्षण का तीसरा दिनदरभंगा . डीएलएड शिक्षार्थी के चार दिवसीय प्रशिक्षण के तीसरे दिन बुधवार को कमाल विधि से गणित शिक्षण के आसान तरीके पर चर्चा हुई. बच्चे कैसे सीखते हैं ? क्यों सीखना चाहिए? साल से दिन की ओर […]
गणित शिक्षण के आसान तरीके पर चर्चा प्रशिक्षु शिक्षार्थी का लैब स्कूलों का मूल्यांकन आजकमाल प्रशिक्षण का तीसरा दिनदरभंगा . डीएलएड शिक्षार्थी के चार दिवसीय प्रशिक्षण के तीसरे दिन बुधवार को कमाल विधि से गणित शिक्षण के आसान तरीके पर चर्चा हुई. बच्चे कैसे सीखते हैं ? क्यों सीखना चाहिए? साल से दिन की ओर कैसे ले जाया जाये. इस पर विचार किया गया. कक्षा 3 से 5 तक छात्र छात्राओं को इस विषय की जानकारी में क्या क्या सावधानी होना चाहिए. इस पर विस्तृत चर्चा हुई. प्रथम व असर के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षुओं को खेल विधि का गणित शिक्षण में प्रयोग के तरीके बताये. उनका कहना था कि इस विधि का उपयोग से बच्चों को इस विषय में रोचकता बनी रहती है. वहीं बच्चों को गणित सीखना सुलभ हो जाता है. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट व मूसा साह स्कूल प्रशिक्षण केंद्र पर आयोजित कार्यशाला की मॉनिटरिंग में डायट के प्राचार्य डा. सुभाष चंद्र झा एवं आइबीएम इन्साइट मुम्बई के नुपुर सेन प्रमोद कुमार लगातार सक्रिय रहे. वहीं डायट के व्याख्याताओं में डा. शब्बीर हुसैन, उषा शर्मा आदि ने दोनों केद्रों पर एकेडमिक रिपोर्ट दिया. डीएलएड के प्रशिक्षु शिक्षार्थी 26 नवंबर को शहर के दस लैब स्कूलों का प्रथम पाली में मूल्यांकन करेंगे. इनका कार्य स्कूलों को शिक्षण व्यवस्था को कमाल माड्यूल की कसौटी पर परखना होगा. प्रत्येक लैब स्कूलों में छह छह की संख्या में प्रशिक्षु 9.30 से 12 बजे तक असेसमेंट करेंगे. इसके बाद पुन: प्रशिक्षण स्थल पर इसका फीड बैक देंगे. डायट के प्राचार्य डा. सुभाष चंद्र झा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रशिक्षुओं के विद्यालय मूूल्यांकन के फीड बैक के आधार पर कार्ययोजना बनेगी तथा शाम 4 बजे से कार्यशाला का समापन समारोह शुरु होगा.