\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररर्पिोट भेजी डेढ़ करोड़ की, किसान को नहीं मिला एक छटाक
\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररिर्पोट भेजी डेढ़ करोड़ की, किसान को नहीं मिला एक छटाक \\\\टं३३ी१त्र/र/इडीजल अनुदान की रिर्पोट ने खोली कृषि विभाग की लापरवाही की पोल/इ/इअनुदान के लिए दौड़ लगा रहे किसान/इ/इराशि उपलब्ध रहने के बाद भी नहीं हो रहा वितरण/इ/इफोटो. पानी पटवन करते किसान की तस्वीर लगा दें/इ/इबहादुरपुर:/इ किसानों के विकास से ही सूबे के साथ देश […]
\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररिर्पोट भेजी डेढ़ करोड़ की, किसान को नहीं मिला एक छटाक \\\\टं३३ी१त्र/र/इडीजल अनुदान की रिर्पोट ने खोली कृषि विभाग की लापरवाही की पोल/इ/इअनुदान के लिए दौड़ लगा रहे किसान/इ/इराशि उपलब्ध रहने के बाद भी नहीं हो रहा वितरण/इ/इफोटो. पानी पटवन करते किसान की तस्वीर लगा दें/इ/इबहादुरपुर:/इ किसानों के विकास से ही सूबे के साथ देश का विकास हो सकता है. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह तत्पर है. यह आये दिन कार्यक्रमों में सुनने को मिलता है. इसमें पदाधिकारी पूरी निष्ठा से किसानों के हित में कार्य करने का दावा भी करते हैं, लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट है. यहां विभाग किसानों के प्रति लापरवाह तो है ही गलत रिर्पोट भेज अपने से उपर के कार्यलय की आंखों में धूल भी झोंक रहा है. कागज पर जिला कृषि कार्यालय ने तो डेढ़ करोड़ से अधिक अनुदान राशि का वितरण कर दिया, पर हकीकत में किसानों को एक भी पैसा नहीं मिला. बहुसंख्यक किसान आज भी डीजल अनुदान के लिए यहां से वहां दौड़ लगा रहे हैं. यह तब हो रहा है जब विभाग के खाते में अनुदान की राशि करीब पांच महीने पहले आ चुकी है. प्रखण्डों को भी राशि मुहैया करा दी गयी, लेकिन वह किसानों की जेब तक नहीं पहुंच सका है. पिछले 5 दिसम्बर को संपन्न मृदा दिवस पर जगह-जगह किसानों ने इसके लिए अपने आक्रोश का इजहार कर विभाग की कारगुजारी को भी सार्वजनिक कर दिया./इदस दिन पहले बांट दी 1.52 करोड़!/इजिला कृषि कार्यालय से मिली रिर्पोट के अनुसार विभाग ने पिछले 25 नवंबर तक डीजल अनुदान मद में एक करोड़ 52 लाख, 82 हजार 223 रूपये का वितरण कर दिया. विभागीय प्रतिवेदन के मुताबिक इस अनुदान का लाभ 23 हजार 367 किसानों को मिल चुका. विभागीय सूत्र की मानें तो यही रिर्पोट यहां से उपर भेजी गयी है. हकीकत में अधिकांश किसानों के खाते में राशि आरटीजीएस के माध्यम से नहीं भेजी गयी. इक्का-दुक्का किसानों को लाभ मिलने की सूचना है./इसिंहवाड़ा की रिर्पोट में ईमानदारी/इऐसा नहीं है कि विभाग ने पूरी रिर्पोट में झांसा दिया है. इसने इसमें ईमानदारी भी बरती है. इस प्रतिवेदन मंे सिंहवाड़ा में एक भी पैसे के वितरण से इंकार किया गया है. प्रतिवेदन में वितरित राशि शून्य दिखायी गयी है. यहां दो हजार 475 आवेदनों में एक हजार 823 किसानों के आवेदन को स्वीकृति प्रदान की गयी./इएक ही भवन की हकीकत से बेखबर/इजिला कृृषि कार्यालय व बहादुरपुर कृषि कार्यालय एक ही भवन मंे चलता है. निचले तल पर जहां बहादुरपुर का प्रखण्ड कृषि कार्यालय स्थित है तो इसके ठीक उपरी तल पर जिला कार्यालय चलता है. आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इस प्रखण्ड की हकीकत से जिला कार्यालय अनभिज्ञ है. उल्लेखनीय है कि इस प्रखण्ड में कु ल 4 हजार 585 किसानों ने अनुदान के लिए आवेदन दिया. इसमें दो हजार 609 आवेदन स्वीकृत किया गया. प्रतिवेदन के मुताबिक दो हजार 449 किसानों के बीच आरटीजीएस के माध्यम से 14 लाख 56 हजार 950 रूपये बांट दिये गये, जबकि यहां एक भी किसान के खाते में राशि नहीं पहुंची है. यहां बता दें कि इस प्रखण्ड के लिए दो किश्तों में 35 लाख 19 हजार 848 रूपये भेजी जा चुकी है. यह तो एक उदाहरण मात्र है. अन्य प्रखण्डों की भी कमोबेश यही स्थिति है. /इबीडीओ ने लगाया योजना को पलीता/इविभाग ने राशि तो भेज दी, लेकिन इसका वितरण नहीं हो सका. जानकारी के अनुसार नियमत: बीएओ, किसान सलाहकार व कृषि समन्व्यकों ने अपने-अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए किसानों को सूची व एडवाइस बीडीओ उपलब्ध कर दिया. इसे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के माध्यम से ही बांटा जाना है. बीडीओ ने कोषागार से गत अगस्त महीने में इस राशि की निकासी भी कर ली, पर वितरण में दिलचस्पी नहीं ली. लिहाजा किसान प्रखण्ड व बैंक का चक्कर आज तक काट रहे हैं. ऐसे बीडीओ के कारण जिला कृषि कार्यालय बदनामी झेलने को विवश है. सवाल यह भी उठता है कि आखिर किस आधार पर जिला कार्यालय ने वितरण का प्रतिवेदन भेज दिया. /इत्राहिमाम कर रहे किसान/इडीजल अनुदान के लिए जिले के किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. बहादुरपुर के श्यामनंदन यादव, मोहन झा, कुमार मुरारी, वसंत कुमार झा, शंकर साह, अमरनाथ सिंह, अरूण झा, सदर के गोपाल शाही, रामजतन महतो, देवेंद्र शाही, बेनीपुर के रमण कुमार झा, राम देव झा, उगन झा, राम रसिक ठाकुर, रम पदारथ ठाकुर, निर्मल कुमार राय, अरूण कुमार झा, कारी लाल देव, हायाघाट के प्रभाष चौधरी, शंकर दास, राम लला चौधरी, अच्युतानंद चौधरी, कुलानंद ठाकुर आदि का कहना है कि आवेदन स्वीकृत हुए महीनों बीत जाने के बाद भी अनुदान नहीं मिल सका है. आज-कल कहकर दौड़ाया जा रहा है. /इकोट:::::::::::::::::::/इअनुदान की राशि शीघ्र किसानांे के खाते में पहुंच जायेगी. सभी प्रखण्डों के कृषि पदाधिकारी व समन्व्यकों को एक सप्ताह के अंदर बीडीओ से समन्व्य स्थापित करने लें. जिन प्रखण्डों में अबतक राशि की निकासी नहीं हुई है, वे इसकी निकासी कर लें. हर हाल में 30 दिसम्बर तक वितरण कर लिया जायेगा.राम किशोर राय, जिला कृषि पदाधिकारी, दरभंगा