हे सैंया तोहर पैंया परै छी…

हे सैंया तोहर पैंया परै छी… मिथिला लोक उत्सव के दूसरे दिन उमड़ी भीड़सांस्कृतिक संध्या मेें मैथिली गीतों पर झूमे दर्शकदरभंगा. ओस की बूंदों की तरह टप टप टपकता संगीत, उसपर झूमते दर्शक और बजती तालियां. मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या में शाम से ही गीत संगीत का दौर हिलोरे लेता रहा. इसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 11:34 PM

हे सैंया तोहर पैंया परै छी… मिथिला लोक उत्सव के दूसरे दिन उमड़ी भीड़सांस्कृतिक संध्या मेें मैथिली गीतों पर झूमे दर्शकदरभंगा. ओस की बूंदों की तरह टप टप टपकता संगीत, उसपर झूमते दर्शक और बजती तालियां. मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या में शाम से ही गीत संगीत का दौर हिलोरे लेता रहा. इसी क्रम में पूनम मिश्रा के गाये गीत ‘ हे सैंया तोहर पैंया परै छी झुमका दिया दियऽ ना’. ने लोगों को घरों से निकलने पर विवश कर दिया. जब गीत का आरंभ उन्होंने किया तो इधर उधर भटक रहे दर्शक पंडाल में खींचे चले आये. फिर तो गीत का खुमार श्रोताओं पर ऐसा चढ़ा कि उनकी गीतों पर युवा पंडाल मेंं थिरकने को विवश हो गये. रविवार की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मधुबनी के धरोहर मंच की गायिका खुशबू दत्ता, कुमारी काजल दत्ता के गोसाउनी गीत से हुआ. इसके बाद भगवती गीत मिथिला वर्णन गीत में मिथिला छै स्वर्ग से महान यौ… इसके बाद नटराज डांस एकेडमी की ओर से नृत्य आधारित मंगलाचरण की प्रस्तुति हुई. मंगल ध्वनि और शहनाई के साथ बांसुरी वादन का रसास्वादन श्रोताओं ने किया. इसके बाद दिलीप दरभंगिया की प्रस्तुति नहि मांगब सोना नहि मांगब चांनी दर्शन दियऽ मां…. हुई. इसके बाद तो गीत का दौर तेज हो गया. उनके गाये गीत फैशन में रहतौ मां ऑर्डर चलेतौ… कुमकुम मिश्रा की प्रस्तुति बिहारी नौजवान रे तू ही तो अभिमान रे.., यौ नारद केहन वर अनलियै…., देर रात तक इन गीतों पर श्रोता झुमते रहे. श्रोताओं की उपस्थिति देख आयोजक भी आह्लादित थे. मंच का संचालन मैथिली अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा ने किया. रात्रि 9 बजे के बाद मुंबई के पार्श्व गायक साबिर-तोशी की प्रस्तुति आरंभ हुई जो देर रात तक चलती रही. इसमें हास्य कलाकार रवींद्र जॉनी की प्रस्तुति ने भी आयोजन में चार चांद लगा दिये.

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