ढाई माह में बना 50 फीट नाला
ढाई माह में बना 50 फीट नाला भला ऐसा विकास किस काम का फोटो संख्या- 13परिचय- राम चौक के निकट सड़क पर लगा नाला का पानी व कीचड़ दरभंगा. इस शीतलहर में जब पानी को देख रोंगटे खड़े हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में शहर के प्रधान मुख्य सड़क पर करीब 20 फीट जलजमाव पार […]
ढाई माह में बना 50 फीट नाला भला ऐसा विकास किस काम का फोटो संख्या- 13परिचय- राम चौक के निकट सड़क पर लगा नाला का पानी व कीचड़ दरभंगा. इस शीतलहर में जब पानी को देख रोंगटे खड़े हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में शहर के प्रधान मुख्य सड़क पर करीब 20 फीट जलजमाव पार कर गुजरने वालों पर क्या बीतती होगी, यह सहज अनुमान किया जा सकता है. लेकिन इस विवशता को रामचौक से बंगलागढ़ की ओर जानेवाली मुख्य पथ से गुजरनेवाले यात्री झेल रहे हैं. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत इस मुख्य पथ के पश्चिमी भाग में पीसीसी नाला निर्माण का काम अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से शुरू हुआ. करीब ढाई महीने में महज 200 फीट नाला निर्माण का काम भी पूरा नहीं हो सका है. इसके कारण लगातार सड़क पर जलजमाव है. एक सप्ताह पूर्व राम जानकी मंदिर के निकट कल्वर्ट बनाने के लिए सड़क काट दिया गया. उस कटाव के ठीक दो मकान बाद दरभंगा सेंट्रल स्कूल के जूनियर छात्रों का वर्ग चलता है. करीब चार फीट चौड़ा एवं पांच फीट गहरा गड्ढा पिछले छह दिनों से वैसे ही है. इसके कारण उस स्कूल के सभी छोटे बच्चे स्कूल जाना लगभग बंद कर दिया है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना से इस पीसीसी नाला का निर्माण जिस एजेंसी को दिया गया, उनकी कार्य की इस धीमी रफ्तार पर अबतक न तो विभागीय अभियंता न ही निगम प्रशासन ने ध्यान दिया है. इस शीतलहर में सड़क पर पानी पार करने से पूर्व लोग स्थानीय प्रशासन को कोसते हुए अपने जूता-चप्पल पानी में डूबो आर-पार हो रहे हैं. इतना ही नहीं, कल्वर्ट खोदने के बाद सड़क पर रखे मिट्टी से करीब दो फीट से अधिक सड़क की चौड़ाई भी कम हो गयी है. जिसके कारण दिनभर में दर्जनों बार वहां जाम लगा रहता है. कल्वर्ट से निकाले गये मिट्टी सड़क पर रखे पानी से भींगने के कारण फिसलन इतनी बढ़ गयी है कि साइकिल एवं बाइक सवार सतर्कतापूर्वक गुजरने के बावजूद अपने को सकुशल स्थिति में उसे पार करने में सक्षम नहीं मानते. ज्ञात हो कि कादिराबाद से दरभंगा टावर आनेवाली इस मुख्य पथ पर शाम सात बजे के बाद शिवधारा, कादिराबाद के लोग इसी पथ से गुजरते हैं. पॉलिटेक्निक चौक से हसनचक के बीच अंधेरा एवं सुनसान होने के कारण लोग उससे गुजरना पसंद नहीं करते. ऐसी स्थिति में इस पथ की जो दुर्दशा हो गयी है, इसकी कल्पना इस महीने में नहीं की जा सकती. निगम प्रशासन भी सबकुछ देखते हुए मौन हैं. स्थानीय पार्षद मोहन मंडल ने बताया कि डूडा के कार्यपालक अभियंता से दो बार इसकी शिकायत की गयी है, लेकिन उनकी ओर से अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इसके कारण आमजन का इस सड़क से चलना भी काफी खतरनाक हो गया है.