\\\\टं३३ी१त्र/ू/रवरुणा से रसियारी सड़क नर्मिाण पर पड़ सकता है असर
\\\\टं३३ी१त्र/ू/रवरुणा से रसियारी सड़क निर्माण पर पड़ सकता है असर \\\\टं३३ी१त्र/र* सहरसा से पटना को सीधा जोड़ने वाली है एसएच 88* मिथिलांचल की लाईफलाइन मानी जाती है यह सड़क * इसके बन जाने से महज ढाई घंटे में पटना पहंच जायेंगे सहरसा के लोग दरभंगा : सड़क निर्माण से जुड़ी कंपनी के दो दो इंजीनियरों […]
\\\\टं३३ी१त्र/ू/रवरुणा से रसियारी सड़क निर्माण पर पड़ सकता है असर \\\\टं३३ी१त्र/र* सहरसा से पटना को सीधा जोड़ने वाली है एसएच 88* मिथिलांचल की लाईफलाइन मानी जाती है यह सड़क * इसके बन जाने से महज ढाई घंटे में पटना पहंच जायेंगे सहरसा के लोग दरभंगा : सड़क निर्माण से जुड़ी कंपनी के दो दो इंजीनियरों की हत्या से वरुणा से रसियारी तक जाने वाली सड़क निर्माण पर असर पड़ सकता है. इस निर्माण से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों में खौफ का वातावरण समा गया है. इसे दूर करने में सरकार एवं प्रशासन को काफी समय लगेंगे.बता दें कि समस्तीपुर जिले के एनएन 103 के वरुणा पुल से यह सड़क निकली है. वरुणा पुल हाजीपुर – समस्तीपुर पथ में पड़ता है. जो समस्तीपुर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है. वरुणा पुल से सरायरंजन के अख्तियारपुर, नरघोघी होते ही उजिायरपुर प्रखंड के जट्टाहीह होते दलसिंहसराय बाजार समिति के रास्ते इसे विभूतिपुर रोसड़ा पथ मेें जोड़ा गया है. दलसिंहसराय बाजार से इसे दूर रखा गया है जिससे जाम की समस्या उत्पन्न न हो. विभूतिपुर से रोसड़ा के रास्ते इसे सिंघिया के रास्ते बहेड़ी लाया गया है. फिर बहेड़ी से सीधा बहेड़ा तक लाया गया है जो शिवराम होते हुए गुजरती है. जहां पर यह घटना हुई है. बेनीपुर के बहेड़ा से इसे अलीनगर के रास्ते घनश्यामपुर, किरतपुर होते हुए रसियारी पुल तक ले जाया गया है जहां से सहरसा जिला की सीमा शुरु हो जाती है. पुल के बाद सहरसा जिले में पहले से ही सड़क बनी हुई है. सहरसा जिला के साथ साथ घनश्यामपुर, किरतपुर, बिरौल, बेनीपुर, बहेड़ी ,कुशेश्वरस्थान, अलीनगर, तारडीह के लोगों को अभी पटना जाने के लिए दरभंगा आना पड़ता है. इससे उन्हें ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. यों मानें जब तक सहरसा के लोग दरभंगा पहुंचेंगे तब तक वरुणा- रसियारी सड़क होकर वे दलसिंहसराय पहुंच जायेंगे. इस सड़क के निर्माण होने से सरहसा के लोग महज ढाई घंटे में पटना पहुंच सकते हैं. जबकि अभी उन्हें पटना जाने के लिए पांच से छह घंटे का समय लगता है. समय के साथ साथ आर्थिक लाभ बचत भी होगी. इस सड़क के बन जाने से मिथिलांचल का एक नया लाइफलाइन मिल जाता, जो फिलहाल अधर में लटकते दिख रही है.बहेड़ी : बहेड़ी बहेड़ा एसएच 88 के गंगदह प्राथमिक विघालय के पास अपराघ कर्मियों ने षनिवार को दिन के एक बजे निर्माण कार्य की देख रेख कर रहे दो इंजिनियरों को गोलियों से भुन दिया। जिसमें एक की मौके पर ही मुत्यु हो गयी। जबकि दूसरे ने डीएमसीएच पहुंच कर दम तोड़ दिया। धटना की सूचना मिलते ही एसएसपी एके सत्यार्थी, एसडीपीओ एके सिंह, पुलिस निरीक्षक राजनारायण सिंह, थानाघ्यक्ष सीताराम प्रसाद बारी बारी से घटना स्िाल पर पहुंच गए। तब तक सड़क निर्माण एजेंसी के कर्मी दोनों को उठा कर बहेड़ा के रास्ते डीएमसीएच लेकर चले गये। जहां इलाज के दरमियान ब्रजेष कुमार की भी मृत्यु हो गयी। जबकि इससे पहले मुकेष कुमार ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ चूका था। दो बाईक पर सवार आये चार अपराध कर्मियों ने साईट पर निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे दोनों इंजिनियरों पर कारबाईन से अंधाधूध फायरिंग षुरु कर दिया। जिसमें बेगूसराय जिला के निर्माण एजेंसी बीएससीसी एण्ड सीजेभी के इंजिनियर मुकेष कुमार की मौके पर ही मृतयु हो गयी। जबकि इसी एजेंसी के लिए काम कर रहे रोरिक कंसंटेंन्स एजेंसी के इंजिनियर ब्रजेष कुमार ने डीएमसीएच पहुंच कर दम तोड़ दिया। अपराघ कर्मियों ने दोनों पर गोली बारी कर मुकेष पाठक जिंदाबाद का नारा लगाते हुए एवं लोगों को भयभीत करने के लिए फायरिंग करते हुए बहेड़ा की ओर भाग निकले। घटनास्थल पर पहुेंचे एसएसपी ने एक दर्जन से अधिक कारबाईन का खोखा बरामद किया। मुकेष कुमार की टोपी भी बरामद की गयी। जिस पर कई गोलियों की निषान पाये गए। जिसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। पुलिस ने बिहार लिबरेषन पिपुल्स आर्मी की हस्त लिखित पर्चा भी मौके से बरामद किया। जिस पर फिल्मी तराने के अंदाज में ”हमसे छुप के तुम कहां जाओगे, जहां जाओगे मुझे पाओगे” लिखा था। सूत्रों के अनुसार बरुणा पुल से रसियारी पुल तक एसएच 88 का निर्माण करा रही एजेंसी के जरिसो(बहेड़ा) स्थित बेस कैम्प के प्रोजेक्ट मैनेजर को अपराधकर्मियों ने लेबी की मांग को लेकर एक हफ्ते पहले धमकी दी थी। जिसके डर से पीएम एसबी सिंह ने कम्पनी को छोड़ 24 दिसम्बर को यहां से चलते बने। इसकी सूचना बहेड़ा पुलिस को मिलने पर बेस कैमप में पुलिस बल को तैनात कर दिया। जिसकी वजह से अपराधियों ने कैम्प से आठ किमी दूर साईट पर काम करा रहे दोनों इंजिनियरों को भुन डाला।